लखनऊ | भारतीय जनता पार्टी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मण्डल ने राज्यपाल रामनाईक से भेंटकर एन.आई.ए के अधिकारी तंजील अहमद की नृशंश हत्या के बाद राज्य सरकार द्वारा बरती गई संवेदनहीनता को दुखःद बताते हुए अखिलेश सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े किये। राज्यपाल ने प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त किया कि ज्ञापन में उठाये गये बिन्दुओं को मुख्य सचिव को संर्दभित करते हुए जानकारी प्राप्त करेंगे। भाजपा प्रतिनिधि मण्डल ने राज्यपाल को सौपे ज्ञापन में एन.आई.ए. अधिकारी तंजील अहमद की हत्या को दुखःद बताते हुए हत्या की निन्दा की।
ज्ञापन में अखिलेश सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा गया कि मुख्यमंत्री विदेश यात्रा पर हैं, उनका स्वभाविक है किसी न किसी पर चार्ज होगा। लेकिन एक शब्द भी सरकार की ओर से निन्दा या खेद का नहीं आया। उ0प्र0 के डी0जी0पी0 जाविद अहमद द्वारा भी इस विषय पर एक शब्द नहीं बोला गया, जबकि तंजील अहमद की हत्या प्रथम दृष्टया राष्ट की सुरक्षा से जुड़ी हुई है और राष्ट्र पहले बाकी सब बाद में यह भी शाश्वत सत्य है। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तो यह हुआ कि इस संवेदनशील और मार्मिक घटना के बाद उ0प्र0 के प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारी पूर्व निर्धारित क्रिकेट मैच खेलते रहे और कार्यवाही तो दूर प्रतिक्रिया भी देना उपयुक्त नहीं समझा और अद तो तब हो गयी जब उस मैच के मैदान पर सार्वजनिक तौर पर बीयर और मद्यपान किया गया और मद्यपान करने वाले अधिकारियों के बराबर में उ0प्र0 के डी0जी0पी0 श्री जाविद अहमद बैठे थे। सामान्यतः सार्वजनिक स्थानों पर मद्यपान करने पर कार्यवाही का प्राविधान है, ऐसा नहीं किया गया। उ0प्र0 सरकार, प्रशासन और पुलिस की इस प्रकरण पर गंभीर न दिखना, महत्वपूर्ण प्रश्न उभर कर आ रहा है।
ज्ञापन में कहा गया कि उ0प्र0 की खराब कानून व्यवस्था और सरकार का वोट की लालच में कथित आतंकी गतिविधि संचालित करने वालों के संरक्षण के कारण उ0प्र0 आतंकवादी गतिविधियों के लिए मुफीद बन गया है।
पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने बताया कि ज्ञापन में राज्यपाल को राज्य का संवैधानिक मुखिया बताते हुए कहा गया कि राज्य के प्रशासनिक मुखिया के विदेश में होने, स्थापन्न मुखिया और उनके अधिनस्थ अधिकारी प्रमुख सचिव, गृह, डी0जी0पी0 की चुप्पी के बाद आप उ0प्र0 राज्य के संवैधानिक मुखिया के नाते आपसे गुहार लगाकर निम्नवत् कार्यवाही करने की माँग करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता। राज्य सरकार और उसके प्रतिनिधि की, तंजील अहमद की हत्या पर संवेदनहीनता, किसी का सख्त कार्यवाही का निर्देष न देना, घटना पर दुःख व्यक्त न करना, सार्वजनिक स्थान पर मद्यपान करना, और नियमानुसार कोई कार्यवाही न होना।
ज्ञापन में माननीय राज्यपाल से विधि सम्मत लेकिन उपरोक्त संवेदनहीनता व घटना पर हस्तक्षेप करने की मांग की गई।
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ञापन सौंपने गये प्रतिनिधि मण्डल में प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ प्रदेश मंत्री वीरेन्द्र तिवारी, प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक, हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, आई0पी0 सिंह, मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित, लखनऊ महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा, जिलाध्यक्ष राम निवास यादव सम्मिलित थे।