लखनऊ । राजधानी के एमिटी स्कूल ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी (एमिटी यूनिवर्सिटी) व्दारा शुक्रवार को “Conventional to Omni-Channel Retailing- Discovering the Difference” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि सामाजिक संस्था ‘बी-अवेयर फाउंडेशन’ की संस्थापिका, समाजसेविका श्रीमती अपर्णा यादव उपस्थित रहीं। श्रीमती यादव ने वहां लगी भित्त चित्र प्रदर्शनी का भी अवोलकन किया। छात्र- छात्राओं व्दारा बनाई गयी पेंटिंग और उनकी कारीगरी की श्रीमती यादव ने खूब तारीफ की।
संगोष्टी में विचार व्यक्त करते हुए श्रीमती अपर्णा यादव ने एमिटी स्कूल के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि आज मैं दावे के साथ कह सकती हूँ कि महिलाएं प्रगति के पथ पर अग्रसर है इसमें कोई विरोधाभाष नही है। बस हमें (महिलाओं) अपने हौसले को थोड़ा और बुलंद करने की जरुरत है। लोग हमारे लिए के क्या कर रहे हैं यह न सोचकर हम अपने लिए क्या कर रहे हैं, इस बात का मूल्यांकन करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि आप (महिलाऐं) जब तक सशक्त और आत्मनिर्भर नही होगी तब तक किसी भी समाज के विकास का स्वप्न देखना बेमानी होगी। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि आत्म निर्भर बनने की दिशा में महिलाऐं आगे बढ़ रही हैं परन्तु अपने ऊपर हो रहे अपराध के खिलाफ लड़ पाने में अक्षम साबित हो रही हैं, जो चिंतन का विषय है। जिसकी प्रमुख वजह है कानून का ज्ञान न होना।
श्रीमती यादव ने कहा कि हम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए अहम कानून बना है जिसका नाम है ‘क्रिमिनल एमेंडमेंट एक्ट- 2013’ । इस कानून की एक किताब बाजार में मिलती है जिसका मूल्य है छब्बीस रुपये मात्र। जो आपके ग्रीटिंग कार्ड और सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुओं से भी बहुत कम दाम में मिलती है। उन्होंने कहा कि इस कानूनी किताब को पढकर आप (महिलाऐं) अपने हित में बने कानून के बारे में जाने और दूसरों को भी बताएं। और आवश्यकता पड़ने पर कानून का उपयोग भी करें। संगोष्ठी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य हुनरमंद छात्र – छात्राओं को एक प्लेटफॉर्म प्रदान करना था।