
नयी दिल्ली : राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जेएनयू व रोहित वेमुला मामले पर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. अरुण जेटली ने कहा कि वैचारिक बहस यूनिवर्सिटीज़ का हिस्सा हैं, लेकिन क्या उसके नाम पर हम देश विरोधी नारे लगाने की इजाजत दे सकते हैं?
उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस का ऐसे लोगों के समर्थन में खड़े होना निराश करता है, आप सबसे पुरानी पार्टी हैं और आपने कभी देशविरोधी ताकतों का समर्थन नहीं किया है. ‘उन लोगों के समर्थन में नारे लगाए जाते हैं, जिन्हें देश की सर्वोच्च अदालत ने दोषी ठहराया. अफजल गुरु को शहीद का दर्जा दिये जाने के मामले पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अफजल गुरु मनुवाद, गरीबी के खिलाफ और आंबेडकर के विचारों की बात नहीं करता था.
पटियाला हाउस कोर्ट में जो बर्बरता हुई वह निंदनीय है, लेकिन क्या अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर राष्ट्रद्रोह सही है? पीडीपी के सवाल पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि पीडीपी के साथ राष्ट्रहित के लिए कांग्रेस ने गठबंधन किया था अब भाजपा भी कर रही है. इसमें गलत क्या है?
जेएनयू में पुलिस के इंट्री पर सरकार की राय रखते हुए जेटली ने कहा कि जेएनयू कोई स्वतंत्र राष्ट्र नहीं है. अगर जेएनयू में कोई कानून तोड़ता है तो भारतीय कानून व्यवस्था के तहत पुलिस अपना काम करेगी ही. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पश्चिम बंगाल के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि वहां तीन-तीन कांग्रेस हैं, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और मार्क्सवादी कांग्रेस है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आतंकवाद के वजह से दो प्रधानमंत्री खोये है, उन्हें जेएनयू मामले पर सख्ती से निंदा करनी चाहिए. दुर्भाग्य है कि कुछ लोग सोचते बाद में है, कदम पहले उठाते है. कांग्रेस पार्टी ने इस संदर्भ में ऐसा ही किया.