सूचना विभाग में 96 का संविदा कर्मी अब बन गया संयुक्त निदेशक


 
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लखनऊ,   ।मुख्य सचिव दीपक सिंघल से आज एनेक्सी स्थित उनके कार्यालय में सूचना पत्रकार संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मिल कर सूचना विभाग में एक संविदाकर्मी को संयुक्त निदेषक स्तर की ग्रेड पे देकर पूरे सूचना संवर्ग को जूनियर बना दिए जाने के खिलाफ ज्ञापन दिया। मुख्य सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को आष्वस्त किया कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और न ही किसी का पक्ष लिया जाएगा, चाहें वह कोई भी क्यों न हो। उन्होंने यह भी कहा कि वह पूरी पत्रावली का अवलोकन कर समस्त तथ्यों की जानकारी प्राप्त कर समुचित कार्रवाई करेंगे।

ज्ञापन में मांग की गई है कि सूचना विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी (टाइपिस्ट) के रूप में प्रतिमाह 3000 रुपए पारिश्रमिक पर कार्यालय19 फरवरी 1996 द्वारा जिसे नियुक्त किया गया था उसे 2016 आते आते संयुक्त निदेषक स्तर का ग्रेड पे देने का कोई औचित्य नहीं है। इससे विभाग के वह अधिकारी जो लोक सेवा आयोग से चयन होकर आए हैं उनका मनोबल टूट रहा है।

इस संविदाकर्मी की सेवाएं प्रथम बार 30 जून 1999 को तथा पुनः 19 जून 2008 में समाप्त की कर दी गईं लेकिन हाईकोर्ट से यह किसी तरह फिर से सूचना विभाग में नौकरी पाने में सफल हो गया। यह संविदाकर्मी षासन स्तर कूट रचित दस्तावेजों को तैयार करने में माहिर है। इसका एक और उदाहरण सूचना अनुभाग द्वारा दिनांक 8 मई 2007 को जारी आदेष संख्या 681/उन्नीस-1-07-134/2006 है जिसमें इसे ’सूचना विभाग का अधिकारी’ दर्षाया गया है।

मुख्य सचिव से प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि20 जून 2016 को जारी संयुक्त निदेषक स्तर के 7600 ग्रेड पे देने वाला शासनादेष तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में संयुक्त निदेषक अषोक बनर्जी, उप निदेषक डा. वजाहत हुसैन रिजवी, हेमंत कुमार सिंह, यषोवर्धन तिवारी, हरिषंकर त्रिपाठी, पीके सिंह के अलावा सहायक निदेषकों में बीएल मौर्य, दिनेश कुमार गर्ग, ललित मोहन श्रीवास्तव, श्रीमती दीपा तिवारी षामिल थे। इनके अलावा फिल्म मूल्यांकन अधिकारी पीके राय, सूचना अधिकारियों में अमित यादव, संजय कुमार तथा सीलाल भी शामिल थे।


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