लखनऊ,। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, मायावती ने गुजरात राज्य के ऊना ज़िले में गोरक्षा के नाम पर मरी हुयी गाय का चमड़ा उतारने वाले गऱीब दलित समाज के लोगों के खि़लाफ बर्बर व अमानवीय व्यवहार करने की घटना की तीव्र निन्दा करते हुये कहा कि इस प्रकार की अनेकों घटनाओं से बी.एस.पी. का यह आरोप सही साबित होता है कि केन्द्र में भाजपा की वर्तमान सरकार बनने के बाद दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों में से ख़ासकर मुस्लिम समाज के साथ भेदभाव, उनका शोषण व उत्पीडऩ काफी ज़्यादा बढ़ा है और धीरे-धीरे यह स्थिति भयावह रुप लेती जा रही है जो अत्यन्त ही चिन्ताजनक बात है।
इस अवसर पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि केन्द्र की वर्तमान सरकार के आने के बाद ख़ासकर आर.एस.एस. से जुड़े कट्टरवादी संगठनों के लोग अपने आपको संविधान व क़ानून से ऊपर मानकर काम करने लगे हैं। यही कारण है कि ख़ासकर भाजपा शासित राज्यों में वे लोग खुलेआम क़ानून को अपने हाथ में लेकर उन्माद व उपद्रव का वीभत्स प्रदर्शन लगातार करते रहते हैं और इसका शिकार गऱीब निर्दोंष दलित, पिछड़े व मुस्लिम समाज के लोग ख़ासतौर से बन रहे हैं। इनके खिलाफ बर्बर व्यवहार किया जा रहा है। चाहे स्कालर रोहित वेमूला की आत्महत्या का मामला हो या फिर हाल ही में गुजरात के ऊना ज़िले में घटित होने वाली घोर अमानवीय घटना हो, जिसने लोगों के दिल दहला दिये हैं, परन्तु झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र व हरियाणा आदि में खासकर ऐसी दर्दनाक घटनायें दलितों, पिछड़ों व मुस्लिम समाज के लोगों के खिलाफ लगातार घटित हो रही है और ऐसे लोगों पर सरकारी कार्रवाई ना के बराबर ही है। यह अत्यन्त ही चिन्ता की बात है।
इतना ही नहीं, भाजपा शासित मध्य प्रदेश में दलितों व आदिवासी समाज के लोगों के साथ भेदभाव, उनकी उपेक्षा व उनके हित व कल्याण की घोर उपेक्षा करने का मामला खुले तौर पर सामने आकर उसका विरोध हुआ है। वहाँ के एक वरिष्ठ आई.ए.एस. अफसर ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान को लिखकर इन मामलों में आपत्ति जताई है और अब उन्हें प्रताड़ित करने की तैयारी है, जैसाकि हैदराबाद के पी.एच.डी. स्कालर रोहित वेमूला के साथ किया गया था। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का यह दावा कि वह दलितों, पिछड़ों व गऱीबों आदि की हितैषी है, मात्र छलावा ही प्रतीत होता है।