रिस.फ्रांस के नीस शहर में बास्तील-डे का जश्न मना रहे लोगों पर ट्यूनीशिया ऑरिजिन के एक शख्स ने हमला कर दिया। बड़े ट्रक में सवार हमलावर 60 से 70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से लोगों को कुचलता चला गया। इसमें 84 लोगों की मौत हो गई। इनमें कई महिलाएं और बच्चे हैं। एक मोटरसाइकिल सवार ने कूदकर ट्रक पर चढ़ने की कोशिश की, ताकि वह हमलावर को रोक सके, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। हमले के वक्त भारतीय मूल की ब्रिटिश सरोगेसी लॉयर हरजीत सारंग भी वहां मौजूद थीं। लेकिन वे सेफ हैं। फ्रांस आठ महीने बाद इतने बड़े हमले का शिकार हुआ है। इससे पहले नवंबर 2015 में आईएस के हमले में 130 लोगों की मौत हो गई थी।
– मरने वालों में 10 बच्चे भी शामिल हैं।
– प्रेसिडेंट फ्रांस्वा ओलांद हमले के बाद साउथ फ्रांस से पेरिस के लिए रवाना हो गए। उन्होंने रात 3.30 बजे टीवी पर पब्लिक को एड्रेस किया।
– कुछ घंटे पहले ही उन्होंने नेशनल-डे के मौके पर एक इंटरव्यू में कहा था कि देश में आठ महीनों की इमरजेंसी कुछ हफ्तों में खत्म हो जाएगी।
– हालांकि, इस हमले के बाद अब इमरजेंसी तीन महीने बढ़ा दी गई है।
– एंटी-टेररिस्ट जजों ने इस ‘मास-मर्डर’ की जांच शुरू कर दी है।
– फ्रांस में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।
– प्रेसिडेंट फ्रांस्वा ओलांद हमले के बाद साउथ फ्रांस से पेरिस के लिए रवाना हो गए। उन्होंने रात 3.30 बजे टीवी पर पब्लिक को एड्रेस किया।
– कुछ घंटे पहले ही उन्होंने नेशनल-डे के मौके पर एक इंटरव्यू में कहा था कि देश में आठ महीनों की इमरजेंसी कुछ हफ्तों में खत्म हो जाएगी।
– हालांकि, इस हमले के बाद अब इमरजेंसी तीन महीने बढ़ा दी गई है।
– एंटी-टेररिस्ट जजों ने इस ‘मास-मर्डर’ की जांच शुरू कर दी है।
– फ्रांस में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।
1. किसलिए जुटे थे लोग?
– नीस के एक बीच प्रॉमनाड दिस आंगले में बास्तील-डे का जश्न मनाया जा रहा था।
– सैकड़ों लोग वहां माैजूद थे और आतिशबाजी देख रहे थे।
– बता दें कि फ्रांस के बास्तील के किले में क्रान्तिकारियों और खूंखार कैदियों को रखा जाता था। 14 जुलाई, 1789 को प्रदर्शनकारी भीड़ ने किले को तोड़ दिया था।
– सैकड़ों लोग वहां माैजूद थे और आतिशबाजी देख रहे थे।
– बता दें कि फ्रांस के बास्तील के किले में क्रान्तिकारियों और खूंखार कैदियों को रखा जाता था। 14 जुलाई, 1789 को प्रदर्शनकारी भीड़ ने किले को तोड़ दिया था।
– यहीं से फ्रेंच रिवॉल्यूशन की शुरुआत हुई थी। इसलिए 14 जुलाई को बास्तील-डे को नेशनल-डे की तरह सेलिब्रेट किया जाता है।
2. घटना कैसे सामने आई?
– लोग आतिशबाजी देख रहे थे, तभी हमलावर भीड़ से भरी सड़क पर 2 किमी तक लोगों को रौंदते हुए ट्रक चलाता गया।
– मौके पर मौजूद पुलिस ने ट्रक पर फायरिंग कर हमलावर को मार गिराया। लेकिन तब तक वह कई लोगों को कुचल चुका था।
– ट्रक के अंदर नकली ग्रेनेड और बंदूकें मिली हैं। फ्रांस में तीन महीने के लिए स्टेट ऑफ इमरजेंसी बढ़ा दी गई है।
– हमले पर फ्रांस के प्रेसिडेंट फ्रांस्वा ओलांद ने कहा, “फ्रांस ऐसे हमलों से डरने वाला नहीं है, वह काफी मजबूत है।”
3. किसने आतंकी को रोकने की कोशिश की?
– ट्रक ने कुछ लोगों को ही कुचला था कि पीछे से आ रहे मोटरसाइकिल सवार ने मामला समझ लिया और बाइक से छलांग लगा दी।
– उसने ट्रक पर चढ़ने की कोशिश की, ताकि हमलावर को काबू कर सके। लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली।
– उसने ट्रक पर चढ़ने की कोशिश की, ताकि हमलावर को काबू कर सके। लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली।