दिल्ली |ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने आज यहां ‘भारत की निर्माण आवश्यकताओं के लिए महत्वपूर्ण खनिज संसाधन’ पर एक राष्ट्रीय संवाद का आयोजन किया। खान सचिव श्री बलविन्दर सिंह ने मुख्य वक्तव्य दिया और ‘भारत के निर्माण क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण गैर-ईंधन खनिज संसाधन: दृष्टि 2030’ नामक डीएसटी रिपोर्ट जारी की।
अपने संबोधन में खान सचिव श्री बलविन्दर सिंह ने कहा, ‘भारत के महत्वपूर्ण खनिजों के संबंध में किये जाने वाले इस अध्ययन के लिए सीईईडब्ल्यू दल को बधाई देता हूं। भारत में खनिज संसाधनों का विशाल भंडार है और ऐसे भी तमाम भंडार है जिनका दोहन अभी नहीं किया गया है। मार्च 2015 के बाद से हम लोगों ने स्पष्ट और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के जरिये खानों के आंवटन के लिए कई सुधार किये हैं। 30 वर्षों के बजाय अब 50 वर्षों के लिए खानों का आंवटन किया जा रहा है। इसके अलावा देश भर में खनन प्रक्रिया से प्रभावित लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास के उपाय भी किये जा रहे है।’ उल्लेखनीय है कि खान मंत्रालय ने परमाणु ऊर्जा रियायत नियम, 2016 को अधिसूचित कर दिया है,
डीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने अपने संदेश में कहा कि इस अध्ययन को डीएसटी के विभाग राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रबंधन सूचना प्रणाली ने सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि इस अध्ययन से अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में नई राहें खुलेंगी तथा नीति निर्माताओं को योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि सीईईडब्ल्यू का अध्ययन राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण नीति (एनएमईपी), 2016 के अनुरूप है और इसका ब्यौरा http://mines.gov.in/writereaddata/UploadFile/NMEP.pdf पर उपलब्ध है। इसका उद्देश्य उद्योगो और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण को प्राथमिकता देना है। एनएमईपी 2016 में स्वायत्तशासी एनसीएमटी की स्थापना का भी प्रस्ताव है ताकि खनिज अन्वेषण चुनौतियों को हल किया जा सके। याद रहे भारत के सकल घरेलू उत्पाद में खनन क्षेत्र इस समय 2.4 प्रतिशत का योगदान करता है और नये खान मंत्री श्री पीयूष गोयल ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि अगले 2-3 वर्षों के दौरान इसमें एक प्रतिशत की और वृद्धि की जाये।
सीईईडब्ल्यू के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अरुणाभा घोष ने कहा कि अपने आर्थिक और विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारत को सबसे पहले महत्वपूर्ण खनिजों के घरेलू अन्वेषण पर ध्यान देना होगा। सीईईडब्ल्यू के कार्यक्रम अधिकारी और रिपोर्ट के मुख्य लेखक श्री वैभव गुप्ता ने कहा कि भारत 12 चिन्हित महत्वपूर्ण खनिजों में से 7 खनिजों को प्राप्त करने के लिए शत प्रतिशत आयात पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि सीईईडब्ल्यू के अध्ययन के बाद खनिज संसाधनों के विकास के प्रयासों में इजाफा होगा।