सरकार नर्सों को सुलभ और सस्ती गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध- श्री जे पी नड्डा


 

The Union Minister for Health & Family Welfare, Shri J.P. Nadda releasing the new syllabus viz, nurse practitioner in critical care nursing  at the inauguration of the New Indian Nursing Council Office, in New Delhi on June 27, 2016.

दिल्ली |  देश भर में नर्सों के कौशल उन्नयन के महत्व को रेखांकित करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे पी नड्डा ने कहा कि सरकार उन्हें सुलभ, सस्ती और गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि नर्सिंग स्टाफ स्वास्थ्य सेवा वितरण में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और उनके बिना वांछित परिणाम हासिल नहीं किया जा सकता है। ” जब हम एसडीजी को प्राप्त करने के बारे में सोचते हैं तो नर्सिंग स्टाफ की भूमिका डॉक्टरों के समान ही की जा सकती है”।

श्री जे पी नड्डा आज यहां भारतीय नर्सिंग परिषद कार्यालय परिसर के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। सांसद डॉ किरीट पी सोलंकी, सांसद श्री गणेश सिंह और भारतीय नर्सिंग परिषद के अध्यक्ष श्री दिलीप कुमार भी इस उद्घाटन समारोह के दौरान उपस्थित थे। इश अवसर पर श्री नड्डा ने दो नए नर्स व्यवसायी पाठ्यक्रम एक क्रिटिकल केयर में और दूसरा प्राथमिक स्वास्थ्य में- का शुभारंभ किया। उन्होंने नर्सों के लिए एक वेब आधारित ‘लाइव रजिस्टर’ की भी शुरूआत की।

उचित प्रशिक्षण के माध्यम से पर्याप्त कौशल विकास के महत्व पर जोर देते हुए श्री नड्डा ने कहा कि नर्सों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पारिस्थितिजन्य किया जाना चाहिए ताकि वे शिक्षा और स्वास्थ्य के भारतीय परिदृश्य से अवगत होते रहें। उन्होंने औपचारिक शिक्षा के अलावा अनौपचारिक शिक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया ताकि नर्स अपने पेशे में आने वाली समग्र परेशानियों और उसके महत्व को समझें। साथ ही मंत्री महोदय ने ये भी कहा कि इलाज में संवेदनशीलता को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के “कौशल भारत” दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए कौशल भारत कार्यक्रम के तहत नर्सों के कौशल विकास को भी समन्वयित किया जा सकता है।

श्री नड्डा के “लाइव रजिस्टर” की शुरूआत को इस दिशा में एक सार्थक पहल करार दिया। लाइव रजिस्टर के माध्यम से सक्रिय और पंजीकृत नर्सों का सटीक डाटा ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया जाएगा। इससे सरकार को बेहतर जनशक्ति नियोजन और नर्सिंग पेशेवरों के लिए नीतिगत स्तर पर निर्णय लेने में मदद मिलेगी। श्री नड्डा ने कहा कि इससे युक्तिकरण और जनशक्ति के अधिकतम उपयोग करने में मदद मिलेगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार ने कौशल विकास और निरंतर विकास के माध्यम से पेशेवर नर्सिंग और मिडवाइफरी कैडर में सुधार को उच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि सरकार नर्सिंग संस्थानों की संख्या में और इन संस्थानों की उतीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि करने के लिए कई स्तरों पर विस्तार के लिए काम शुरू कर दिया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि नर्सिंग संवर्ग को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार कई उपायों पर काम कर रही है जिनमें कुछ प्रमुख हैं—– एएनएम / जीएनएम स्कूलों की स्थापना,नर्सिंग स्कूल को नर्सिंग कॉलेज में उन्नयन, नर्सों को प्रशिक्षण, 11 नये एक साल के विशेषज्ञता पाठ्यक्रम का विकास, सभी नर्सिंग कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन, नर्सिंग अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय पीएचडी संघ की स्थापना।

क्रिटिकल केयर कार्यक्रम में नर्स व्यवसायी पाठ्यक्रम दो वर्षीय आवासीय एमएससी डिग्री हो जाएगा। इस पाठ्यक्रम के पूरा होने पर नर्सों को गंभीर रूप से बीमार मरीजों की देखभाल के लिए जिम्मेदारी और जवाबदेही की योग्यता हासिल हो जाएगी। जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में नर्स व्यवसायी पाठ्यक्रम एक साल का आवासीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा होगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि देश की जरूरतों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को प्रासंगिक बनाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह सुझाव भी दिया कि नर्सिंग स्टाफ की कमी से निपटने के लिए नर्सिंग पाठ्यक्रम को कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के साथ मिश्रित किया जा सकता है।


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