बिहार में शराब से मौत हुई तो निर्माता-विक्रेता को मिलेगी सजा-ए-मौत—- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार


 

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पटना. बिहार में एक अप्रैल से शराबबंदी को लेकर राज्य सरकार कमर कस ली है. बुधवार को विधानसभा में शराबबंदी को लेकर ‘बिहार उत्पाद संशोधन विधेयक 2016’ सर्वसम्मति से पास हुआ.

विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सभी विधायकों ने शराब  नहीं पीने और दूसरे को भी पीने से रोकने  का संकल्प लिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च तक सभी देशी, विदेशी और मसालेदार शराब की बिक्री को बंद होगी.

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव को सदन में रखा. विधानसभा में संकल्प प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मुहर लगने के बाद सदन में मौजूद सभी सदस्यों ने खड़े होकर शराब नहीं पीने की शपथ ली.

नीतीश कुमार ने सदस्यों से कहा कि ‘चैरिटी बिगिन्स एट होम’ अगर हम यहां से कानून बना रहे हैं तो हमें यहीं से शुरुआत करनी होगी यह संकल्प लेना चाहिए. इससे एक नैतिक बल पैदा होता है.

बच्चों को शराब पिलाने पर 7 साल की सजा

मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध तरीके से शराब पिलाने वाले को कम से कम आठ साल की सजा होगी, जबकि बच्चों को शराब पिलाने पर न्यूनतम सात साल की सजा का प्रावधान है.

वहीं राज्य में शराब के उत्पादन और बिक्री को प्रतिबंध किए जाने के साथ मिलावटी या जहरीली शराब से किसी की मौत होने पर उसे बनाने एवं बेचने वालों को मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है.


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