कोलकाता : जल्द से जल्द फ्लाइओवर का काम पूरा करने के चक्कर में हुई लापरवाही ने आज दर्जनों बेगुनाह लोगों की जान ले ली. ब्रिज बनाने का लेकर इस प्रकार की लापरवाही अब तक देखने को नहीं मिला है. आखिरकार किस बात की जल्दबाजी थी, यह वहां के लोगों के समझ से बाहर है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बुधवार की रात को ब्रिज के ऊपर कंक्रीट से ढलाई हुई थी. लेकिन ढलाई के बाद किसी प्रकार का सपोर्ट नहीं दिया गया था.
लगभग दो महीने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जगधात्री पूजा का उद्घाटन करने के लिए पोस्ता गयी थीं और उस सभा के दौरान ही उन्होंने चुनाव के पहले अर्थात फरवरी महीने तक ब्रिज का काम पूरा करने का निर्देश दिया था. उन्होंने मंच से घोषणा की थी कि ब्रिज का 76 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और बाकी 24 प्रतिशत बहुत जल्द पूरा कर लिया जायेगा. हालांकि उन्होंने तो चुनाव के पहले इसे शुरू करने की बात कही थी और महानगर के लोगों को चुनाव का तोहफा देने का फैसला किया था.
कोलकाता पुल हादसा मामले पर निर्माणकर्ता कंपनी आइवीआरसीएल ने विवादस्पद टिप्पणी की है. कंपनी ने कहा है कि यह हादसा भगवान की मर्जी से हुआ है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि इस हादसे में पहली प्राथमिकता पीड़ितों को राहत पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेवार लोगों को बख्शा नहीं जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे में अबतक 20 लोगों की मौत हुई है व 50 लोग घायल हुए हैं.
वाममोरचा के कार्यकाल के दौरान रखी गयी थी आधारशिला
लगभग सात वर्ष पहले 2009 में वाममोरचा कार्यकाल के दौरान इस ब्रिज के निर्माण के लिए आधारशिला रखी गयी थी, लेकिन काम में तेजी नयी सरकार आने के बाद दिखी. हालांकि इस फ्लाइओवर का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए आठ बार समय सीमा तय की गयी थी, जो अब तक पूरी नहीं हुई. नवंबर महीने में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे फरवरी में पूरा करने का निर्देश दिया था. विवेकानंद सेतू के निर्माण ढांचे को लेकर कई बार सवाल उठाये जा चुके हैं, कई बार फ्लाइओवर का काम बंद भी करना पड़ा. विशेषज्ञों का मानना है कि 2.2 किमी लंबे इस फ्लाइओवर के पोस्ता क्षेत्र में निर्माण कार्य में काफी दिक्कतें थी. लेकिन मुख्यमंत्री के पोस्ता में हुई सभा में बाद फ्लाइओवर के निर्माण कार्य में तेजी देखने को मिली. फ्लाइओवर का निर्माण कार्य इतनी जल्दीबाजी में किया जा रहा था कि सुरक्षा पर ध्यान ही नहीं दिया गया. क्योंकि फ्लाइओवर के प्लान में बदलाव किया गया था और इस बदले गये प्लान का यादवपुर युनिवर्सिटी विशेषज्ञों से अनुमति के लिए भेजा गया था.
परमा-आइलैंड फ्लाइओवर का भी जल्दबाजी में हुआ उद्घाटन
इससे पहले राज्य सरकार ने महानगर के सबसे लंबे परमा आइलैंड फ्लाइओवर का भी चुनावी फायदा उठाने के लिए जल्दबाजी में उद्घाटन कर दिया था. सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिये बिना इसे खोला गया था, जिसकी वजह से परमा आइलैंड में कई दुर्घटनाएं हुईं. अंतत: राज्य सरकार ने फिलहाल परमा आइलैंड फ्लाइओवर के एक लेन को बंद कर दिया गया है. इससे पहले भी विधाननगर स्टेशन के पास स्थित फ्लाइओवर का एक हिस्सा टूट कर गिर गया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. हालांकि यह घटना सुबह चार बजे के करीब हुई थी, इसलिए जान-माल का नुकसान कम हुआ था.
कितने लोग हुए घायल
घटनास्थल पर ही लगभग 20 लोगों की मृत्यु होने की आशंका है. पुल के मलबे में अभी भी 150 लोगों के दबे होने की आशंका है. हादसे के बाद 2 एनडीआरएफ की टीम को घटनास्थल की ओर रवाना कर दिया गया है. वहीं, मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद पहुंचीं हैं. गृह मंत्रालय ने हादसे पर अंतरिम रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्री ने कहा कि मैंने इस मामले में एनडीआरएफ के डीजी से बात की है. मुझे हादसे के संबंध में उनके द्वारा ही अवगत कराया गया है. एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य हेतु घटनास्थल की ओर रवाना हो गयी है.
बचाव कार्य जारी
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, ब्रिज के नीचे कम से कम 150-200 लोगों के दबे होने की आशंका है. घटना की सूचना मिलते ही कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी व दर्जन भर एंबुलेंस घटना पर पहुंच गयी है. इसके साथ ही दमकल विभाग के लोग वहां पहुंच गये हैं. हालांकि आपदा प्रबंधन के अधिकारी अब तक नहीं पहुंचे हैं. व आपदा प्रबंधन के अधिकारी भी और लोगों को बचाने में जुटी हुई है.