LDA: अवैध निर्माण पर नियंत्रण के लिए इंजीनियर बनाएंगे दैनिक प्रवर्तन डायरी


लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने, बनाई नई व्यवस्था अभियंताओं को नियमित रूप से डायरी में भरनी होगी दैनिक कार्यवाही की सूचना

लखनऊ | अवैध बिल्डिंगों में चोरी-छुपे निर्माण कार्य कराने का खेल अब नहीं चलेगा। इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत प्रवर्तन में तैनात सभी अवर अभियंताओं को दैनिक प्रवर्तन डायरी बनानी होगी। अभियंताओं द्वारा अवैध निर्माणों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करने के साथ ही दैनिक कार्यवाही की पूरी सूचना इस डायरी में अंकित करनी होगी। उपाध्यक्ष द्वारा स्वयं कभी भी किसी भी अभियंता की डायरी आकस्मिक रूप से चेक की जाएगी।

उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि शहर में अनाधिकृत निर्माणों पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिए गहनता से मॉनिटरिंग किये जाने की आवश्यकता है। जिसके लिए अवर अभियन्ता स्तर पर दैनिक प्रवर्तन कार्यवाही की सूचना प्राप्त किया जाना जरूरी है। इसके लिए प्रत्येक अवर अभियन्ता को रोजाना की अपनी कार्यवाही की सूचना दैनिक प्रवर्तन डायरी में प्रतिदिन अंकित करनी होगी। सहायक अभियन्ता एवं जोनल अधिकारी द्वारा हर दिन इस डायरी को अवलोकित किया जायेगा। साथ ही जोनल अधिकारी द्वारा अपने जोन से सम्बन्धित सभी अवर अभियन्ताओं की सूचना को संकलित करते हुए एक्सल शीट पर समुचित रिर्पोट बनाकर सचिव/उपाध्यक्ष को भेजना होगा।

उपाध्यक्ष ने बताया कि सचिव द्वारा पाक्षिक रूप से समस्त अवर अभियन्ताओं की दैनिक प्रवर्तन डायरी का अवलोकन किया जायेगा। इसके अलावा वह स्वयं आकस्मिक रूप से किसी भी दिन किसी भी अवर अभियन्ता की डायरी चेक करेंगे। उपाध्यक्ष ने इस सम्बन्ध में जारी अपने आदेश में कहा है कि उक्त समस्त कार्यवाही जोनल अधिकारी द्वारा प्रभावी रूप से निष्पादित की जायेगी। यदि किसी भी स्तर पर शिथिलता पायी जाती है तो उसके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
इस प्रारूप में बनेगी डायरी –

उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने दैनिक प्रवर्तन डायरी का प्रारूप भी निर्धारित कर दिया है। इसके तहत अभियंताओं को सील किये गये अवैध निर्माणों का एरिया, निर्माण का प्रकार, सीलिंग से पूर्व की फोटो, सीलिंग के पश्चात् की फोटो की सूचना डायरी में देनी होगी। इसी तरह उन्हें ध्वस्त किये गये अवैध निर्माणों का ब्यौरा डायरी में उल्लेखित करना होगा। वहीं, लंबित सीलिंग/ध्वस्तीकरण आदेश के प्रकरणों का भी इसी तरह विवरण देना होगा।


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