छिन्न-भिन्न है यूपी सरकार की नगरीय व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएँ !


मल्लावां हरदोई के मूल निवासी स्वास्थ मंत्री है यहाँ भी मानक के अनुसार डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ,टेक्नीसियन कर्मचारियों की बेहद कमी


(नरेश दीक्षित से)

छोटे शहरों, कस्बों, ग्रामीण क्षेत्रों की हालत बदतर स्थित में है। योगी 2 की सरकार में कोई बदलाव नही आया है। अधिकारी, मंत्री सिर्फ बड़े शहरों में दौड़ा कर खुश हो जाते है जबकि मल्लावां हरदोई के मूल निवासी स्वास्थ मंत्री है यहाँ भी मानक के अनुसार डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ,टेक्नीसियन कर्मचारियों की बेहद कमी है और जो हैं भी वह सब क्षेत्रीय हैं जो काम ही नहीं करना चाहते हैं।

ताज्जुब तो इस बात का है कि मल्लावां की सीएचसी में वर्षो से एक्स-रे मशीन नही है लेकिन स्थानीय टेक्नीसियन वर्षो से फ्री का वेतन ले रहा है। मल्लावां के सीएचसी के अन्तर्गत गंज जलालाबाद की पीएचसी भी आती है जो वर्ष 2018 से बन कर तैयार है सीएमओ हरदोई को भवन स्थान्तरित भी हो गया है फिर भी 2020 तक डॉक्टर, फार्मासिस्ट,पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी तथा दवाएं नही पहुंची.
जब इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर एसीएस स्वास्थ, डीजी हेल्थ, सीएमओ, डीएम हरदोई से की गई तो एक डॉक्टर व फार्मासिस्ट की नियुक्त की गई वह भी कभी आते है कभी नही।शासन के आदेश के अनुसार प्रत्येक नव निर्मित पीएचसी को चलाने के लिए आवश्यक फर्नीचर, बेड, कुर्सी एवं उपकरणों के लिए पांच लाख रुपए का बजट दिया जाता है, इसके बावजूद भी किसी भी पीएचसी पर सिर्फ कुछ हजार के उपकरण भेज कर सीएमओ से लेकर उच्च अधिकारी बजट का बंदर-बांट करते है।

आज गंज जलालाबाद 12 बेड की पीएचसी है पर एक भी बेड नही पड़ा है। आपरेशन थ्रियेटर में जाला लगा हुआ है थ्रियेटर में मेज तो छोड़िए एक कैंची,चाकू, बेंडेज, काटन तक नही है। पीएचसी में एक महिला वार्ड, एक पुरूष वार्ड सहित 10 कक्षों का निर्माण, एमओ आवास सहित, कर्मचारियों को रहने के लिए फ्लैट, पानी की टंकी, विद्युत सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं साथ ही गंज जलालाबाद एक ग्रामीण कस्बा है जहां पुलिस चौकी, राष्ट्रीय कृत बैंक, पोस्ट आफिस,पेयजल के लिए वाटर हेड टैंक साप्ताहिक बाजार,स्कूल, विद्यालय,पावर हाऊस,लखनऊ-दिल्ली के लिए बस, एक किलोमीटर पर रेलवे स्टेशन की सुविधा के साथ ही, यह स्टेट हाईवे संख्या 38 व लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस से हरदोई-उन्नाव कट से मात्र 2 किलोमीटर पर स्थित होने के पश्चात भी यदि डॉक्टर,फार्मासिस्ट,पैरामेडिकल स्टाफ आखिर यहां क्यों नही रहना चाहता है, कारण स्पष्ट है जब लखनऊ के स्वास्थ विभाग का कोई भी आला अधिकारी आज तक इस पीएचसी की हालत देखने नही पहुंचा तो डॉक्टर, फार्मासिस्ट और कर्मचारी क्यों रहेंगे ? इस क्षेत्र की लगभग 40 हजार की ग्रामीण आबादी को पुरुषों-महिलाओं की स्वास्थ सुरक्षा के लिए प्रमुख समाज सेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार नरेश दीक्षित के अथक प्रयासों से तत्कालीन मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, नवनीत सहगल को लाकर गंज मुरादाबाद में यूको बैंक के उद्घाटन के समय एक सार्वजनिक सभा में निम्न घोषणाएँ कराकर इस पिछड़े क्षेत्र के विकास की आधार शिला रखी गई थी। जिसमें गंज मुरादाबाद में सीएचसी,गंज जलालाबाद में पीएचसी,पानी टंकी सहित पावर हाऊस की स्थापना मुख्य थी, इन कार्यों के लिए क्षेत्र के किसी भी जनप्रतिनिधि का कोई योग दान नही था। बल्कि तत्कालीन प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अरविंद कुमार, डीएम उन्नाव सौम्या अग्रवाल, हरदोई के डीएम वी के वार्ष्णेय के सराहनीय सहयोग से उक्त सभी मुख्य सचिव आलोक रंजन द्वारा घोषित योजनाओं को अमली जामा इस अत्यंत पिछड़े क्षेत्र को पहनानें का कार्य किया था।

लेकिन आज भी गंज मुरादाबाद की सीएचसी और गंज जलालाबाद की पीएचसी पर करोड़ो रूपए सरकार के खर्च होने के बाद भी स्वास्थ विभाग के भ्रष्टाचार के कारण आज भी कोई लाभ ग्रामीण जनता को नही मिल रहा है। जबकि इस क्षेत्र के नर्सिंग होम करोड़ो का कार्य कर जनता को लूट रहे है। योगी सरकार 2 को चाहिए सिर्फ गाल बजाने से छिन्न-भिन्न हो चुकी ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक नही किया जा सकता, जब तक भ्रष्टाचार में लिप्त वरिष्ठ अधिकारियों,ठेकेदारों से लेकर डॉक्टरों को दंडित नही करेंगे, कोई सुधार नही होगा? यदि ग्रामीणों को जिनकी आवादी 60 प्रतिशत से भी अधिक है। प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ सेवाएं मिलने लगें तो शहरों में ओपीडी पर हजारों-हजार की भीड़ को रोका जा सकता है, तथा उनके समय और धन को बर्बाद होने से भी बचाया जा सकता है।

यह सिर्फ एक उदाहरण है प्रदेश में ऐसी तमाम पीएचसी-सीएचसी निर्मित खड़ी है जो अभी तक संचालित नहीं हुई है पहले उन्हे संचालित कराएं फिर जिलों में आधुनिक चिकित्‍सालय बनाए?क्या हमारे

नव नियुक्त उर्जावान स्वास्थ मंत्री जी अपने गृह क्षेत्र सहित समस्त प्रदेश की ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों की ध्वस्त स्वास्थ व्यवस्था को सुदृढ करने में सक्षम होंगे?/


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