दिल्ली | रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु की गरिमामयी उपस्थिति में हरित पहल का मूल्यांकन करने और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ प्रक्रियाओं को चला रही भारतीय रेलवे की औद्योगिक इकाइयों के कार्य प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए रेल मंत्रालय और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के बीच के एक समझौता (एमओयू) ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। “स्वच्छता रैंकिंग के लिए प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्री प्रतिक्रिया सर्वेक्षण पर अंतिम रिपोर्ट” का ई-विमोचन किया गया। रेल एवं संचार (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा और रेल राज्य मंत्री श्री राजेन गोहैन भी इस अवसर पर मौजूद थे। हस्ताक्षर समारोह में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री ए.के. मित्तल, सदस्य मैकेनिकल श्री हेमंत कुमार और बोर्ड के अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। रेल मंत्रालय की ओर से श्रीमती कल्याणी चड्ढा, ईडीएमई (डब्ल्यू) तथा सीआईआई की ओर से उसके उप महानिदेशक श्री एस रघुपति ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन पर रेल मंत्री की बजट घोषणा की पृष्ठभूमि में हस्ताक्षर किए गए हैं।
इस अवसर पर श्री सुरेश प्रभु ने बताया कि यह तथ्य है कि रेलवे एक पर्यावरण अनुकूल परिवहन है और भारतीय रेल द्वारा बहु आयामी हरित पहलों को चलाया जा रहा है। इन पहलों में ऊर्जा की खपत में नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा, जल लेखा परीक्षा सहित बेहतर जल प्रबंधन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शामिल हैं। सीआईआई के सहयोग से रेलवे वैश्विक मानकों के सापेक्ष अपनी हरित पहलों का मूल्यांकन करने में सक्षम होगी। सीआईआई के साथ साझेदारी ठीक समय पर हुई है जब रेलवे सतत विकास की पद्धति में परिवर्तन कर रहा है। भारतीय रेल सरकार की हर पहल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अभी हाल में दक्षिण रेलवे के मनमदुरै – रामेश्वरम खंड को पहला हरित सेक्सन घोषित किया गया है। भारतीय रेलवे ने अभी तक 40,000 से अधिक जैव शौचालयों की व्यवस्था की है। इस वर्ष के दौरान 30,000 अन्य जैव शौचालयों को जोड़ा जाना प्रस्तावित है।
इस अवसर पर श्री मनोज सिन्हा ने कहा कि रेलवे की देश के लगभग सभी भागों में अपनी उत्पादन इकाइयां हैं उन्हें सौर ऊर्जा, ऊर्जा लेखा परीक्षा, जल संचयन जैसे कुछ पर्यावरण के अनुकूल उपायों को सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन सभी उपायों को ध्यान में रखते हुए, आज के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं ताकि पर्यावरण के अनुकूल कदम उठाए जा सकें।
इस मौके पर रेल राज्य मंत्री श्री राजेन गोहैन ने कहा कि रेलवे देश का सबसे बड़ा उद्योग है और वह पर्यावरण अनुकूल उपायों के बारे में सचेत है और उसके उपाय कार्यान्वयन के बाद महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकते हैं।