म्यांमार की कार्रवाई पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश: राठौड़


 

2-10-06-2015-1433905030_storyimageनई दिल्ली|  केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने  खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को म्यांमार में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी दी थी, जिसमें उग्रवादियों के दो शिविरों को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया गया।

राठौड़ ने कहा कि यह इन उग्रवादियों की आदत बन गई थी कि वे सेना या अर्धसैनिक बलों अथवा देश के नागरिकों पर हमले करते थे और उसके बाद में भागकर सीमापार स्थित अपने सुरक्षित पनाहगाह में शरण ले लेते थे क्योंकि उन्हें इस बात का भरोसा था कि भारतीय सशस्त्र बल उनका पीछा नहीं करेंगे।

मंत्री ने कहा कि यह उन सभी के लिए अब बिल्कुल स्पष्ट संदेश है, जो हमारे देश में आतंकवादी इरादे रखते हैं। यह यद्यपि अभूतपूर्व है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने एक बहुत ही साहसिक कदम उठाया और म्यांमार में कार्रवाई के लिए मंजूरी दी।

गौरतलब है कि मणिपुर में 18 सैनिकों के हत्यारों को भारतीय सेना ने मंगलवार सुबह उनकी करतूत की सजा दी। सेना के विशेष बल ने म्यांमार की सीमा में घुसकर ऐसे 15 उग्रवादियों को मौत की नींद सुला दिया। यह पहला मौका था जब भारत ने क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन के जरिए ऐसी कार्रवाई की हो। सेना के कमांडो ने यह कार्रवाई एक विशेष सूचना के आधार पर म्यांमार अफसरों से तालमेल बैठाकर की।

फिर हमले की साजिश थी
अतिरिक्त सैन्य अभियान महानिदेशक मेजर जनरल रणवीर सिंह ने बताया कि नगालैंड और मणिपुर सीमा के निकट तड़के सेना ने अपना अभियान चलाया। सेना को पक्की सूचना मिली थी कि ये उग्रवादी भारतीय क्षेत्र में फिर से हमले की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा, हमने उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया है। फलस्वरूप, हमारे नागरिकों एवं सुरक्षाबलों को खतरा टल गया है।

तत्काल कार्रवाई की जरूरत थी
मेजर जनरल सिंह ने कहा, पिछले हमलों में शामिल संगठनों की ओर से हमारे सुरक्षाकर्मियों और सहयोगियों पर हमला किए जाने की साजिश रची जा रही थी। गत दिनों हुए हमले के बाद खतरे को ध्यान में रखते हुए हमारी ओर से तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत थी। हमने म्यांमार अधिकारियों से तालमेल बैठाने के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया।हम ऐसे उग्रवादियों का मुकाबला करने के लिएम्यांमार के साथ मिलकर काम करने को आशान्वित रहे हैं।

वायुसेना भी शामिल
म्यांमार सीमा में धावा बोलकर 15 उग्रवादियों को मार गिराने की कार्रवाई में सेना के साथ वायुसेना ने मिलकर सफल अभियान चलाया। ऑपरेशन में ऐसे अभियानों के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित पैरा कमांडो फोर्स के साथ हेलीकॉप्टरों का भी इस्तेमाल किया गया।

सूत्रों के मुताबिक, सेना और वायुसेना के इस संयुक्त अभियान में एमआई-17 हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया। असम रायफल्स और 21 पैरा स्पेशल फोर्स ने म्यांमार की सीमा में दो किमी अंदर घुसकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया। हेलीकॉप्टरों ने पहले उग्रवादियों की गतिविधियों की टोह ली और उसके बाद धावा बोला गया। सूत्रों ने यह भी कहा कि नगालैंड के तुएनसांग जिले और मणिपुर के उखरुल जिले से लगी म्यांमार सीमा अभियान को अंजाम दिया गया।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कार ने मंगलवार को म्यांमार सीमा पार कार्रवाई की बात न कहते हुए कहा कि खुफिया एजेंसियों को यह सूचना मिली थी कि उग्रवादी भारतीय सरजमीं पर और ज्यादा हमलों की साजिश रच रहे हैं। ऐसे में सेना ने छापामार कार्रवाई कर दिखाया है कि वह किसी भी तरह के खतरे से निपटने में सक्षम है।

सितांशु ने कहा कि उग्रवादियों के खिलाफ अभियान में म्यांमार सेना से पहले भी सहयोग मिलता रहा है। सीमा पर आतंकवाद से निपटने की दिशा में आगे भी यह सहयोग जारी रहेगा। कहा जा रहा है कि नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन-खपलांग गुट) का कमांडर स्टार्सन लामकांग भी मुठभेड़ में घायल हुआ है। हमले में मारे गए उग्रवादी एनएससीएन- खपलांग गुट के अलावा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट, कांगलेई यावोल कन्ना लुप समूह से जुड़े हैं।

चीन से मिल रही उग्रवादी गुटों को मदद
खुफिया रिपोर्टों के अनुसार उल्फा के फरार प्रमुख परेश बरुआ ने माना जाता है कि एनएससीएन-के नेता एसएस खापलांग को पिछले साल मार्च में भारत के साथ हुए 14 साल पुराने संघर्ष विराम समझौते को तोड़ने के लिए राजी करवाया था। आरोप है कि बरुआ चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की शह पर काम करता है। खापलांग एवं बरुआ के बारे में माना जाता है कि वे प्राय: म्यामांर और चीन के युनान प्रांत के रूइली एवं कुनमिंग के बीच आते रहते हैं तथा चीनी अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में रहते हैं। कुछ दिनों पहले यह भी खबर आई थी कि भारत ने म्यांमार को एनएससीएन खपलांग गुट के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में रहे दोनों चीनी सैन्य अधिकारियों की टेप की गई बातचीत और उनके ठिकानों के बारे में जानकारी मुहैया कराई थी।

सेना को हर ओर से मिली बधाई
सेना ने दिखाया है कि वह हमलों का जवाब देने के अलावा पहले हमला कर दुश्मन को उसकी मांद में ढेर करने का माद्दा रखती है। ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक में बिना किसी नुकसान के उग्रवादियों को ढेर कर सेना ने अपनी मारक ताकत दिखाई है।
– पूर्व राजनयिक केसी सिंह

राजनीतिक नेतृत्व का विश्वास हासिल कर सेना ने आक्रामक कदम उठाया है। दूसरी सीमाओं पर ऐसी कार्रवाई परिस्थितियों को देखकर ही की जा सकती है। सेना को ऐसे अभियानों के लिए पूरी तरह तैयार किया जाना चाहिए।
– जनरल वीपी मलिक, पूर्व सेना प्रमुख

दाऊद को ऐसे ही मारने की योजना थी
13 सितंबर 2013
ऐसी रिपोर्टें आई थीं कि इस दिन खुफिया एजेंसी रॉ के नौ एजेंट कराची के क्लिफ्टन रोड में मुंबई धमाकों के आरोपी दाऊद इब्राहिम को मार गिराने के लिए तैयार थे। इसमें मोसाद की मदद भी ली गई। लेकिन ऐन वक्त में ऑपरेशन टाल दिया गया।

ऐसे ही लादेन को मार गिराया था अमेरिका ने
02 मई 2011
अमेरिका सेना ने पाकिस्तानी सीमा में घुसकर अलकायदा सरगना लादेन को मार गिराया था। हाल ही में खबरें आई हैं कि अमेरिका ने पाकिस्तानी सरकार को इसकी जानकारी दी थी। अमेरिकी सेना यमन, सोमालिया, सीरिया जैसे कई देशों में ऐसी कार्रवाई कर चुकी है।

 


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