राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत स्वास्थ्य कार्यक्रमों को कारगर बनाया जाये —जे.पी. नड्डा


 

The Union Minister for Health & Family Welfare, Shri J.P. Nadda launching the “GIS-enabled HMIS application, self-printing of e-CGHS Card”, in New Delhi on March 29, 2016. 	The Secretary (Health and Family Welfare), Shri B.P. Sharma and other dignitaries are also seen.

दिल्ली  |  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने आज यहां एनएचएम के अभियान संचालन समूह की तीसरी बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा कि एनएचएम अंतरण, विकेन्द्रीकरण और समय पर प्रत्युत्तर देने पर ध्यान देगा ताकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत स्वास्थ्य कार्यक्रमों को कारगर बनाया जा सके और लोगों की पहुंच बढ़ाई जा सके। इस अवसर पर शहरी विकास, आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन तथा संसदीय कार्य मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू और नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री अरविंद पनगढ़िया भी उपस्थित थे।

एनएचएम की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि एनएचएम ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की हैं, जिनमें इंद्रधनुष अभियान के जरिए पूर्ण टीकाकरण का विस्तार शामिल है। इसके तहत एक साल में लगभग 5 प्रतिशत इजाफा हुआ है जबकि इसकी पिछली दर मात्र 1 प्रतिशत थी। इसके अलावा आईपीवी और रोटावायरस टीकों के साथ हाल में कई नए टीके जारी किए गए, गर्भनिरोधकों के उपायों को बढ़ाया गया, स्वास्थ्य प्रणालियों के जरिए राज्यों की क्षमता बढ़ाई गई जिसके कारण मैदानी स्तर पर कई कार्यक्रमों को लाभ मिला। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में सफाई और स्वच्छता में इजाफा हुआ और कायाकल्प के जरिए इनका विकास किया गया। तपेदिक कार्यक्रम में भी नई पहलें की गई हैं, जिनमें 600 सीबीएनएएटी मशीनें लगाई गईं और तपेदिक की नई दवा बेडाक्विलीन जारी की गई। उल्लेखनीय है कि बजट के दौरान सभी जिलों में निःशुल्क डायलेसेस केन्द्र खोले जाने की घोषणा की गई है, जिसके संबंध में कदम उठाए जा रहे हैं।

श्री वेंकैया नायडू ने बताया कि स्मार्ट सिटी के जरिए स्वस्थ माहौल बनाने के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं, जिसके तहत कचरा प्रबंधन, पेयजल, स्वच्छता एवं सफाई जैसे महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ानी है ताकि लोग उनकी तरफ आकर्षित हो सकें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहकों के रूप में उन्नत बनाया जाना चाहिए, ताकि समुदायों की मानसिकता में परिवर्तन हो सके। नगर आजीविका केन्द्रों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान तक पहुंच बनाने के लिए कारगर मंचों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

एनएचएम के एमएसजी ने पहुंच बढ़ाने, आवंटन और सुविधाओं से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की, जिनमें टीकाकरण, स्वास्थ्य सेवियों का क्षमता निर्माण, राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम, कुष्ठ रोग कार्यक्रम और एनयूएचएम शामिल हैं।

एमएसजी के गैर-सरकारी सदस्यों ने कई परामर्श दिए, जैसे तपेदिक के लिए देशभर में प्रतिदिन दवा व्यवस्था निगम, गैरसंक्रामक रोगों के दायरे को बढ़ाना और टीकों के संबंध में उपायों को मजबूत बनाना और उसकी गतिविधियों की निगरानी करना।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस बैठक ने कई मुद्दों पर स्पष्ट चर्चा के लिए एक मूल्यवान और उपयोगी मंच उपलब्ध कराया है। विशेषज्ञों की मजूदगी से इसका परिप्रेक्ष्य विस्तृत हुआ है और उससे एनएचएम को प्रभावशाली और कारगर बनाने में सहायता होगी। उन्होंने कहा कि बैठक की सिफारिशों पर विचार किया जाएगा ताकि आगे का रोडमैप तैयार हो सके।

बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव श्री बी. पी. शर्मा, एनएचएम के एएस एवं एमडी श्री सी. के. मिश्रा और स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य आला अधिकारी मौजूद थे। इनके अलावा आयुष मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता, पंचायती राज मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के प्रतिनिधियों सहित सिविल सोसायटी के सदस्य तथा स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञ भी बैठक में उपस्थित थे।


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