जलाई गयी पत्रकार की माँ की मौत,थाना प्रभारी व दरोगा सस्पेंड,मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश


 

fire-s-650_070715083912-650x400लखनऊ | बाराबंकी के कोठी थाने के बाहर कल गंभीर रुप से जली महिला की आज तडके लखनऊ के सिविल अस्पताल में मृत्यु के साथ ही सूबे की राजनीति एक बार फिर गरमा गयी है।
मृतक एक दैनिक समाचार पत्र से जुडे पत्रकार की मां थी। मृत्यु पूर्व दिये बयान में महिला ने कोठी थाने के प्रभारी और एक दारोगा पर छेडछाड का विरोध करने पर जलाने का आरोप लगाया है। महिला के जलने के बाद पुलिस अधीक्षक ने दोनो पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया है।
सिविल अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डा़ ए के दुबे ने  बताया कि महिला को करीब दो बजे रात में यहां लाया गया था और सुबह करीब चार बजे उसकी मृत्यु हो गयी। उन्होंने बताया कि महिला करीब सौ फीसदी जली हुई थी। उसकी हालत अत्यन्त ही नाजुक थी। डाक्टरों की कडी मेहनत के बावजूद महिला को नही बचाया जा सका।

बाराबंकी के सेमरावा गांव के गंगाराम को किसी मामले में कोठी थाने की पुलिस गत पांच जुलाई को पकडकर ले गयी थी। गंगाराम के पुत्र के अनुसार देर रात वह और उसके परिजन पुलिस से गंगाराम को छुडाने की मिन्नते करते रहे लेकिन पुलिस टस से मस नहीं हुई। कल सुबह उसकी मां मिलने गयी तो पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। महिला के पुत्र का यह भी आरोप है कि उसकी मां को पुलिसकर्मियों ने ही जलाया जिससे उनकी आज मृत्यु हो गयी।
दूसरी ओर, इस मामले से सूबे की राजनीति एक बार फिर गरमा गयी है। कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने इस मामले को शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह की जलकर हुई मृत्यु से जोडते हुए समाजवादी पार्टी सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री ने कहा कि पुलिस लोगों का लगातार उत्पीडन कर रही है। कहीं कोई सुनवाई नहीं है। जगेन्द्र सिंह के बाद अब पुलिस पर महिला को जलाने का आरोप लगा है। उन्होंने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उनका कहना था कि मामला बाराबंकी पुलिस से जुडा ही है इसलिए इसकी जांच बाहर से करायी जानी चाहिए।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मामले में बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। उनका कहना था कि पुलिस अधीक्षक ने माना है कि महिला के साथ अभद्रता की गयी। जब उन्होंने यह मान लिया है तो आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज करवायी। इसमें पुलिस अधीक्षक की भी लापरवाही है इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
श्री पाठक ने कहा कि निलम्बन कोई कार्रवाई नहीं है। जगेन्द्र सिंह के मामले में भी पुलिसकर्मियों को निलम्बित किया गया था जबकि पत्रकार जगेन्द्र सिंह ने मृत्यु पूर्व दिए बयान में पुलिसकर्मियों पर खुलकर आरोप लगाये थे। उनकी गिरफ्तारी नहीं की गयी। उन्हाेंने कहा कि महिला की मृत्यु के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि महिला की मृत्यु से साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का पालन कराने वालों पर अंकुश नहीं रह गया है। जनता त्रस्त है। जनता की कोई सुनने वाला नहीं है और इसीलिए इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।
इस बीच, सत्तारुढ समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता और राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। किसी के साथ नाइसांफी नहीं होने दी जायेगी। महिला की मृत्यु अफसोसजनक है। सरकार इस पर गंभीर है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

इसी बीच  मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने  कहा कि बाराबंकी में महिला की जलने से हुयी मृत्यु के मामले की निष्पक्ष जांच करायी जायेगी और दाेषियों को किसी भी हालत में बख्शा नही जायेगा।
श्री यादव ने यहां कहा कि महिला की मृत्यु जलने से हुयी अथवा वह जलाकर मारी गयी है। यह जांच का विषय है। सरकार इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है। मामले की निष्पक्ष जांच करायी जायेगी और घटना के लिये जिम्मेदार लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नही जायेगा।


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