प्रदेश में पी0पी0पी0 मोड पर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना के लिए निर्धारित नीति मंजूर


eerrrrrfff44eeeerd43w5r4 (28)मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में पी0पी0पी0 मोड पर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना के लिए निर्धारित नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करते हुए इस सम्बन्ध में दिनांक 07 अगस्त, 2013 तथा 28 अक्टूबर, 2015 के शासनादेश में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
इसके तहत मेडिकल काउन्सिल आॅफ इण्डिया द्वारा निर्धारित सुपर स्पेशियलिटी मंे से कार्डियोलाॅजी एवं कार्डिएक सर्जरी के अलावा एक या एक से अधिक सुपर स्पेशियलिटी (कैंसर को छोड़कर) को चयनित करने का अधिकार निजी निवेशकर्ता को दिए जाने का प्राविधान किया गया है। कार्डियोलाॅजी एवं कार्डिएक सर्जरी से सम्बन्धित न्यूनतम बिस्तरों की बाध्यता को 50 प्रतिशत से कम करके 35 प्रतिशत किए जाने का भी प्राविधान किया गया है।
यह भी प्राविधान किया गया है कि सफल निजी निवेशकर्ता द्वारा निविदा में जितने प्रतिशत में बिस्तरों को सी0जी0एच0एस0 दरों के आधार पर उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव दिया जाएगा, उसी प्रतिशत के आधार पर निजी निवेशकर्ता अन्य सुपर स्पेशियलिटी में भी बिस्तरों को उपलब्ध कराये जाने हेतु बाध्य होगा। इसके साथ ही, निजी निवेशकर्ता इसी प्रतिशत के आधार पर ओ0पी0डी0 एवं ओ0पी0डी0 सम्बन्धित चिकित्सीय जाँचों को सी0जी0एच0एस0 दरों पर उपलब्ध कराने के लिए बाध्य होगा।
निवेशकर्ता को शासन द्वारा एक हजार रुपए के सांकेतिक मूल्य पर 30 वर्षों के लिए लीज पर अधिकतम 10 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। रियायत अवधि (कन्सेशन पीरियड) को प्रारम्भिक 30 वर्षों की अवधि की समाप्ति पर रिव्यू समिति द्वारा सन्तोषजनक सेवा प्रमाणित करने के उपरान्त 10-10 वर्ष हेतु (अधिकतम कन्सेशन पीरियड 50 वर्ष) तक विस्तारित किया जा सकता है। 50 वर्ष की रियायत अवधि के उपरान्त आर0एफ0क्यू0 कम आर0एफ0पी0 की नियमों एवं शर्तों के अनुसार निवेशकर्ता द्वारा प्रस्तावित चिकित्सालय को प्रदेश सरकार को हस्तान्तरित किया जाएगा। सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय को 50 वर्ष के बाद चलाने की प्रक्रिया का सर्वाधिकार प्रदेश सरकार के पास सुरक्षित रहेगा। प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया जाएगा कि उस समय निर्धारित की गई शर्तों के अनुसार निविदादाता पुनः निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रतिस्पर्धा में भाग ले, जिसमें वर्तमान निविदादाता को पहले मना करने का अधिकार (राइट आफ फस्र्ट रेफ्युजल) दिया जाएगा।
इस परियोजना को लागू करने के लिए डेवलपर आदि के चयन के लिए अग्रेतर कार्यवाही एवं नीतिगत निर्णय लेने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
उ0प्र0 प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग की वेतन विसंगति के निराकरण को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के 4 उपसंवर्गों में विभाजन तथा विभाजित उपसंवर्गों के संविलिनीकरण से उत्पन्न हुई वेतन विसंगति के निराकरण के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इसके तहत प्रादेशिक चिकित्सक एवं स्वास्थ्य संवर्ग में उप संवर्गों के संविलिनीकरण के फलस्वरूप ऐसे सेवारत एवं सेवानिवृत्त विशेषज्ञ चिकित्सक जो अपने से कनिष्ठ चिकित्सकों से नीचे स्तर पर बने हुए हैं, को विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक आहूत कर उनके कनिष्ठ की तिथि से नोशनल पदोन्नति प्रदान करने पर विचार किया जाएगा। नोशनल पदोन्नति पर सेवारत/सेवानिवृत्त चिकित्सकों को कोई ऐरियर देय नहीं होगा। सेवारत चिकित्सकों को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से ही नोशनल पदोन्नति के फलस्वरूप प्रदत्त वेतन वृद्धि का लाभ प्रदान किया जाएगा। सेवानिवृत्त चिकित्सकों की पेंशन का पुनर्निर्धारण नोशनल प्रोन्नति की तिथि के आधार पर किया जाएगा। नोशनल प्रोन्नति हेतु अर्ह पाये गये चिकित्सकों की संख्या के आधार पर अधिसंख्य पदों का सृजन आवश्यकतानुसार किया जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ लैब टेक्निशियन का पद राजपत्रित
मंत्रिपरिषद ने राज्य सरकार के अधीन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ लैब टेक्निशियन के पद को राजपत्रित प्रतिष्ठा प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
जनपद मैनपुरी में शिकोहाबाद-भोगांव राज्य मार्ग 
सं0-84 के चार लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने जनपद मैनपुरी में शिकोहाबाद-भोगांव राज्य मार्ग सं0-84 (चैनेज-25.000 से 43.800 एवं 49.300 से 61.800 तक) का दो लेन से चार लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण तथा घिरोर बाईपास लम्बाई 6.56 किमी0 के निर्माण कार्य को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस मार्ग के 4 लेन चैड़ीकरण हेतु पी0सी0यू0 के मानक में शिथिलीकरण तथा कार्य की लागत 200 करोड़ रुपए से अधिक होने के कारण वित्त (आय-व्यय) अनुभाग-2 के शासनादेश संख्या-बी0-2-2528/दस-2014- 10/77 दिनांक 26.08.2014 के प्राविधान के अनुसार इस परियोजना पर मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्राप्त किया जाना था।
कानपुर देहात में सिकन्दरा-झींझक-रसूलाबाद मार्ग का नयी तकनीक से चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की पायलेट परियोजना को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने कानपुर देहात में सिकन्दरा-झींझक-रसूलाबाद (प्रमुख जिला मार्ग सं0-47) के किमी0-21 से 40 तक नवीनतम मशीनों एवं नयी तकनीक स्टैबलाइजेशन ;ैजंइपस्रंजपवदद्ध का उपयोग कर मार्ग का 1.5 लेन से 2 लेन चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण पायलेट परियोजना के तहत निविदा आमंत्रण में राष्ट्रीय स्तर की निविदाताओं के प्रक्रिया में भाग ले सकने तथा प्रतिस्पर्धात्मक निविदा प्राप्त करने के उद्देश्य से भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय के स्टैंडर्ड बिडिंग डाॅक्यूमेन्ट तथा उसके द्वारा समय-समय पर निर्गत शासनादेश एवं परिपत्र द्वारा किये गये परिवर्तन/संशोधनों को सम्मलित करते हुए प्रयोग करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।
साथ ही, सीमेन्ट एवं एडीटिव से स्टैबलाइज करने तथा नवीनतम तकनीक से निर्माण कार्य का अनुभव सामान्यतः निविदादाताओं के पास नहीं होने के कारण भारत सरकार में प्रचलित स्टैण्डर्ड बिडिंग डाॅक्यूमेन्ट के ैमबजपवद.1 प्देजतनबजपवदे जव ठपककमते ;प्ज्ठद्ध के ब्संनेम 4ण्5 । ;इद्ध में उल्लिखित  निविदा लागत का 50 प्रतिशत समान प्रकृति के कार्य के अनुभव की शर्त में शिथिलता भी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई इस परियोजना का निर्माण नवीनतम मशीनों एवं नई तकनीक का उपयोग करके किया जाना है। परम्परागत मार्ग निर्माण में प्रयोग होने वाले पत्थर, गिट्टी विभिन्न कारणों से धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। जबकि निर्माण गतिविधि बहुत अधिक बढ़ रही है। इन कारणों से परम्परागत ढंग से पत्थर, गिट्टी का प्रयोग करने के स्थान पर स्थानीय एवं रिसाईकिल सामग्री का प्रयोग, मार्ग निर्माण में धीरे-धीरे बढ़ रहा है। पत्थर एवं गिट्टी में सीमेन्ट एवं एडीटिव मिलाकर स्टैबलाइजेशन करने से उसकी स्ट्रेन्थ बढ़ जाती है। मार्ग निर्माण में ग्रैनुलर मैटेरियल ;ळतंदनसंत उंजमतपंसद्ध एवं मिट्टी ;ैवपसद्ध को सीमेन्ट तथा एडीटिव ;।ककपजपअमद्ध से स्टैबलाजेशन ;ैजंइपसप्रमद्ध कर नवीनतम मशीनें जैसे ब्मउमदज ैचतमंकमत – त्मबलबसमतध्ैजंइपसप्रमत का प्रयोग विदेशों में प्रचलन में है। ग्रेनुलर लेयर में सीमेन्ट एवं एडीटिव के द्वारा स्टैबलाइजेशन किया जाना एक नयी तकनीक है। स्टैबलाइजेशन के द्वारा मार्ग की क्रस्ट मोटाई परम्परागत ;ब्वदअमदजपवदंसद्ध के सापेक्ष काफी कम हो जाती है, जिससे कि परियोजना पर्यावरण के अनुकूल हो जाएगी तथा लागत में भी कमी आएगी।
जनपद कन्नौज में तिरूआ से बेला मार्ग का 04-लेन चैड़ीकरण एवं 
सुदृढ़ीकरण राज्य सरकार के वित्तीय संसाधनों से कराने का प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने जनपद कन्नौज में एन0एच0-234 के तिरुआ से बेला तक (चैनेज 142.000 से 123.000 तक) मार्ग की ऐतिहासिक एवं व्यावसायिक महत्ता के दृष्टिगत 04-लेन (लम्बाई 19.00 कि0मी0) तक चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य राज्य सरकार के वित्तीय संसाधनों से कराये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह कार्य त्वरित आर्थिक विकास योजना के अन्तर्गत कराया जाएगा।
इस मार्ग पर राजकीय मेडिकल काॅलेज एवं राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेज स्थित हैं। मार्ग का चैड़ीकरण हो जाने के फलस्वरूप क्षेत्र के महत्वपूर्ण इत्र उद्योग, कृषि उत्पाद एवं अन्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांग एवं आपूर्ति बढ़ेगी एवं अन्य वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग अधिक किए जाने से यातायात में वृद्धि होगी, जो कि क्षेत्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सहायक सिद्ध होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग पर राज्य के संसाधनों से कार्य कराने हेतु केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अनापत्ति प्रदान कर दी गई है।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के प्रथम फेज के भवन निर्माण कार्यों की पुनरीक्षित प्रायोजना लागत मंजूर
मंत्रिपरिषद ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिल वस्तु, सिद्धार्थनगर के प्रथम फेज के भवन निर्माण कार्यों की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित पुनरीक्षित प्रायोजना लागत 341.6200 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी है।
डाॅ0 बी0आर0 अम्बेडकर आॅडिटोरियम का पजेशन, मेन्टीनेंस एवं मैनेजमेण्ट लखनऊ विकास प्राधिकरण से लेकर डाॅ0 राम मनोहर 
लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रशासन को वापस करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने डाॅ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ परिसर में स्थित डाॅ0 बी0आर0 अम्बेडकर आॅडिटोरियम का पजेशन, मेन्टीनेंस एवं मैनेजमेण्ट लखनऊ विकास प्राधिकरण से लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को वापस किए जाने जाने का निर्णय लिया है।
नवीन जिला कारागार बरेली के निर्माण कार्य की पुनरीक्षित लागत के प्रस्ताव पर कार्योत्तर अनुमोदन 
मंत्रिपरिषद ने नवीन जिला कारागार बरेली के निर्माण कार्य की पुनरीक्षित लागत 22392.56 लाख रुपए के प्रस्ताव पर कार्योत्तर अनुमोदन किए जाने का निर्णय लिया है।
नवीन जिला कारागार इटावा के निर्माण कार्य की पुनरीक्षित लागत के प्रस्ताव पर कार्योत्तर अनुमोदन 
मंत्रिपरिषद ने नवीन जिला कारागार इटावा के निर्माण कार्य की पुनरीक्षित लागत 25226 लाख रुपए के प्रस्ताव पर कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
उ0प्र0 सरकारी विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग (अराजपत्रित) सेवा (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2016 के प्रख्यापन की अनुमति
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सरकारी विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग (अराजपत्रित) सेवा (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2016 के प्रख्यापन की अनुमति प्रदान कर दी है।
इस सेवा नियमावली में प्रथम संशोधन के माध्यम से नियोजन विभाग के अधीन योजना आयोग, निदेशालय अधिष्ठान पुनरीक्षण ब्यूरो, वित्त विभाग के अधीन राज्य वित्त आयोग एवं संसाधन निदेशालय तथा राज्य सम्पत्ति विभाग में शासन के विशेष सचिव एवं राज्य सम्पत्ति अधिकारी के अधीन गठित लेखा संवर्ग के पदों को उत्तर प्रदेश सरकारी विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग सेवा नियमावली के आच्छादन से बाहर किया जा रहा है।
इसके अलावा, सचिवालय एवं सचिवालय से समकक्षता प्राप्त विभागों में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय एवं लोकायुक्त कार्यालय जो पूर्व में इस सेवा नियमावली के आच्छादन से बाहर नहीं थे, को प्रस्तावित संशोधन के द्वारा इस सेवा नियमावली के आच्छादन से बाहर किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकारी विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग सेवा नियमावली, 2014 में सहायक लेखाकार के पदों को लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने की व्यवस्था थी। अब इसे संशोधित करते हुए, सहायक लेखाकार के पदों को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने की व्यवस्था की गई है।
लखनऊ में हार्डिंग ब्रिज से वीयर तक गोमती नदी के चैनलाइजेशन की 1513.5158 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित परियोजना व्यय का प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने जनपद लखनऊ में गोमती नदी पर हार्डिंग ब्रिज से वीयर तक गोमती नदी के चैनलाइजेशन की 1513.5158 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित परियोजना व्यय के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
पुनरीक्षित परियोजना की लागत को व्यय वित्त समिति ने 10 जून, 2016 को अनुमोदित किया था, जिसमें कतिपय नये कार्य यथा इण्टरसेप्टिंग डेªेन का निर्माण, अतिरिक्त जलापूर्ति, गोमती वीयर के अपगे्रडेशन हेतु रबर डैम का निर्माण, नदी के दोनों किनारों पर हाई मास्ट लगाने का कार्य, गांधी सेतु एवं वीयर के मध्य पैदल पुल का निर्माण, निशातगंज पुल के डाउन स्ट्रीम में मंदिर एवं मस्जिद के पास पैदल पुलों का निर्माण, म्यूजिकल फाउण्टेन, वाॅटर शो, गोमती बैराज एवं रेलवे पुल दोनों स्थानों पर नदी के वाॅटर-वे की आवश्यकतानुसार दोनों किनारों पर अण्डर पास निर्माण इत्यादि कार्य सम्मिलित किए गए हैं।
सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत 
तथा राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत धनराशि का वहन करने हेतु मंजूरी 
सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सम्मिलित किये जाने के फलस्वरूप केन्द्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत तथा राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत धनराशि वहन किए जाने के दृष्टिगत, मंत्रिपरिषद ने राज्य सरकार पर आने वाले अतिरिक्त व्यय भार को वहन करने हेतु अपनी सहमति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि मार्च, 2013 में भारत सरकार से हुए एम0ओ0यू0 के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा 90 प्रतिशत धनराशि तथा राज्य सरकार द्वारा 10 प्रतिशत धनराशि वहन की जानी थी।
जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना की धनराशि बढ़ाए जाने का प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना की धनराशि बढ़ाये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इस योजना की गाइडलाइन्स को अपरिवर्तित रखते हुए वित्तीय वर्ष 2016-17 से जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना के अन्तर्गत प्रथम स्तर के पुरस्कार की राशि 50 हजार रुपये को बढ़ाकर एक लाख रुपये एवं द्वितीय स्तर के पुरस्कार की धनराशि 35 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गयी है। तृतीय पुरस्कार की धनराशि 25 हजार रुपए यथावत रहेगी। पुरस्कार वितरण का आयोजन हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग द्वारा सम्पादित किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के हथकरघा बुनकरों को प्रोत्साहित किये जाने तथा उनके उत्कृष्ट कार्याें को मान्यता देने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा यह पुरस्कार योजना चलायी जा रही है। योजना के अनुसार पुरस्कार हेतु बुनकरों का चयन द्विस्तरीय-परिक्षेत्र स्तर पर तथा राज्य स्तर पर किये जाने का प्राविधान है।
परिक्षेत्र स्तर पर पुरस्कार हेतु सम्बन्धित बुनकरों के उत्पादों का चयन परिक्षेत्रीय चयन समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें सम्बन्धित परिक्षेत्रीय जनपद के जिलाधिकारी (अध्यक्ष), परिक्षेत्रीय सहायक आयुक्त हथकरघा (संयोजक/सदस्य) के अतिरिक्त संयुक्त निदेशक उद्योग, क्षेत्रीय प्रबन्धक यूपिका, प्रोजेक्ट, आॅफिसर हथकरघा निगम, प्रभारी समीपस्थ बुनकर सेवा केन्द्र सदस्य होते हैं। आयुक्त एवं निदेशक, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग की अध्यक्षता में गठित चयन समिति राज्य स्तर पर पुरस्कारों का चयन करती है।

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