लखनऊ | कृष्ण की पावन जन्मस्थली मथुरा में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर पिछले दिनों शुरू किया गया ”नयति हॉस्पीटल” भी क्या कालेधन को सफेद करने की किसी योजना का हिस्सा है ?
क्या नेशनल हाईवे नंबर-2 पर अवागढ़ फार्म हाउस के एक बड़े हिस्से में ”नयति हॉस्पीटल” के नाम से खड़ी भव्य इमारत की नींव कर चोरी के उसी पैसे से भरी गई है जिसमें देश की तमाम नामचीन हस्तियां शामिल हैं ?
मथुरा में शुरू हुए ”नयति मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पीटल” को लेकर कुछ ऐसे
ही सवाल आज इसलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि पूरी दुनिया को हिला देने वाले ”पनामा पेपर्स लीक” मामले में जिन 500 भारतीयों के नाम सामने आए हैं, उनमें नयति हॉस्पीटल की चेयरपर्सन नीरा राडिया और उनके पिता इकबाल मेनन तथा उसके तीनों लड़के अक्षय, आकाश और करन का नाम भी शामिल है।
नीरा राडिया ने मथुरा में ”नयति हॉस्पीटल” का शुभारंभ इसी साल 28 फरवरी को ”टाटा संस लिमिटेड” के सेवानिवृत चेयरमैन रतन टाटा से कराया था। हॉस्पीटल के इस उद्धाटन समारोह में एक ओर जहां कमिश्नर आगरा मंडल प्रदीप भटनागर शामिल हुए थे, वहीं दूसरी ओर अन्य बड़े अधिकारियों सहित अनेक बड़े व्यापारी एवं उद्योगपतियों ने भी शिरकत की थी।
बताया जाता है कि नीरा राडिया के हॉस्पीटल से परोक्ष अथवा अपरोक्ष रूप में कई ऐसे नाम जुड़े हुए हैं जिन्होंने कथित तौर पर मथुरा का नाम रौशन किया है।
ऐसे नामों में जहां मथुरा में ही रहकर उद्योग और व्यापार करने वाले तो हैं हीं, वो नाम भी हैं जिनकी जड़ें तो मथुरा में हैं लेकिन उनके धंधे समुद्र किनारे तथा समुद्र के पार भी हैं।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर मथुरा के जिस अवागढ़ फार्म हाउस में नयति हॉस्पीटल खड़ा किया गया, वह स्थानीय रालोद नेता कुंवर नरेन्द्र सिंह और उनके भाई कुंवर इंद्रजीत सिंह ”पंपा” का है। नीरा राडिया ने अवागढ़ फार्म हाउस के एक हिस्से को करीब 30 साल के लिए पट्टे पर लिया है। कुंवर नरेन्द्र सिंह हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़कर चौधरी अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हुए हैं और 2017 में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
कुंवर नरेन्द्र सिंह के भाई कुंवर इंद्रजीत सिंह पंजाब एंड सिंध बैंक के प्रबंधक पद से सेवानिवृत हैं जबकि उनके दूसरे बड़े भाई कुंवर मानवेन्द्र सिंह मथुरा से कई मर्तबा सांसद रहे हैं। कुंवर मानवेन्द्र सिंह भी कुछ समय पूर्व कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे और इन दिनों दिल्ली रह रहे हैं।
नीरा राडिया द्वारा मथुरा के अवागढ़ फार्म हाउस में बनाए गए नयति हॉस्पीटल के बारे में मथुरा के पूर्व सांसद कुंवर मानवेन्द्र सिंह से बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि अवागढ़ फार्म हाउस में मेरा कोई हिस्सा नहीं है, अलबत्ता मेरे दोनों भाई कुंवर इंद्रजीत सिंह तथा कुंवर नरेन्द्र सिंह उसके मालिक हैं और उन्होंने ही नीरा राडिया को फार्म हाउस का एक हिस्सा पट्टे पर उठाया है। कुंवर नरेन्द्र सिंह से भी इस बारे में बात करने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क साधने का प्रयास किया गया किंतु उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
पूर्व सांसद कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि नीरा राडिया की आर्थिक गतिविधियां पहले से संदिग्ध हैं और उन्हें देशभर इस रूप में पहचानता है।
कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का नीरा राडिया को लंबे समय से संरक्षण मिलता रहा है और उन्हीं के संरक्षण में वह अब तक अपनी गतिविधयों को अंजाम देती रही हैं।
कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि नीरा राडिया के नयति हॉस्पीटल का रतन टाटा द्वारा उद्घाटन किया जाना इस बात की पुष्टि करता है।
उधर यह भी ज्ञात हुआ है कि दिखानेभर को नीरा राडिया ने नयति हॉस्पीटल के लिए दो बैंकों से करीब 40 करोड़ रुपए का ऋण भी लिया है जिसमें से एक कॉर्पोरेशन बैंक है।
उल्लेखनीय है कि कार्पोरेशन बैंक उन बैंकों में भी शामिल है जिन्होंने किंगफिशर के मालिक विजय माल्या को सारे नियम-कानून ताक पर रखकर सैकड़ों करोड़ रुपए का कर्ज दिया और जिसे लेकर विजय माल्या ब्रिटेन भाग निकला।
बहरहाल, अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर मथुरा जैसे धार्मिक जनपद में नीरा राडिया द्वारा खोले गए इस हॉस्पीटल से इलाज कराने की क्षमता अच्छे-खासे पैसे वालों में भी नहीं है क्योंकि इसके चार्जेज बहुत हाई-फाई बताए जाते हैं।
ऐसे में इस आशय के सवाल उठना स्वाभाविक है कि महंगे पट्टे पर निर्धारित अवधि के लिए जमीन तथा बैंकों से कर्ज लेकर एक धार्मिक जनपद के अंदर नीरा राडिया को पांच सितारा सुविधाओं वाला हॉस्पीटल खोलने की क्या आवश्यकता थी, और उसका इसके पीछे मकसद क्या है ?
गौरतलब है कि नीरा राडिया का नाम सबसे पहले 2G घोटाले में सामने आया था और तभी लोगों को यह ज्ञात हुआ कि ”टाटा संस लिमिटेड” के लिए मीडिएटर का काम करने वाली इस महिला ने बहुत कम समय के अंदर करीब 300 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित कर ली।
अब पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लेने वाले ”पनामा पेपर्स लीक” मामले के अंदर नीरा राडिया और उसके पिता का नाम सामने आने पर उसके द्वारा मथुरा में बनाया गया नयति हॉस्पीटल निश्चित ही चर्चा का केंद्रबिंदु होगा तथा केंद्र द्वारा इस बावत गठित की गई कमेटी की जांच का हिस्सा भी बनेगा।
हो सकता है कि नयति की नियति उसके निर्माण के पीछे छिपी नीयत पर निर्भर हो किंतु फिलहाल तो पानामा पेपर्स लीक केस में नीरा राडिया का नाम आ जाने से अनेक ऐसे सवाल पैदा हो चुके हैं जिनको समुचित जवाब की दरकार है।