इलाहाबाद। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंच गए हैं। संगम किनारे दो दिनों तक होने वाली इस बैठक से पहले मोदी अभी पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ होटल में बैठक कर रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम दिग्गज वहां पहले से मौजूद हैं। सूत्रों के मुताबिक होटल कान्हा-श्याम में पार्टी पदाधिकारियों संग बैठक के दौरान अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि समय के साथ संगठन में बदलाव जरूरी है और यह होना चाहिए।
उन्होंने करीब 10 मिनट तक नेताओं को संबोधित किया।उन्होंने कहा कि बदलाव होते रहते हैं, लेकिन हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए और हमेशा नए आइडिया पर विचार करते रहना चाहिए। होटल को सुरक्षा बलों ने एक किले के रूप में तब्दील कर दिया है। होटल के गेट पर अमित शाह ने प्रधानमंत्री की अगवानी की। इस बैठक को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से पहले काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक आज बैठक में कोई प्रस्ताव पास नहीं होगा। सभी प्रस्ताव कल सोमवार को पेश किए जाएंगे। अमित शाह सोमवार शाम को उत्तर प्रदेश के पार्टी सभी सांसदों से चुनावी रणनीति पर बैठक करेंगे। कार्यकारिणी में अलग से यूपी पर कोई सत्र नहीं होगा। अमित शाह और मोदी के भाषण में यूपी पर फोकस होगा। संगम नगरी में हो रही बैठक में तमाम मुद्दों समेत आने वाले विधानसभा चुनावों पर चर्चा होगी। बीजेपी पंजाब, गोवा और उत्तराखंड चुनावों पर भी मंथन करेगी लेकिन एजेंडे में टॉप पर यूपी चुनावों के लिए रणनीति तैयार करना है। प्रधानमंत्री दो दिनों तक दिल्ली छ़ोड़कर इलाहाबाद में रहेंगे इसलिये उनका दफ्तर यानी पीएमओ भी वहीं से चलेगा। प्रधानमंत्री के साथ ही पीएमओ के तमाम अधिकारी भी इलाहाबाद पहुंचे हैं। उनके लिए खास कार्यालय बनाया गया है, जहां बकायदा कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा है। अधिकारी अगले दो दिनों तक कार्यालय संबंधी सभी काम यहीं से निपटाएंगे।
इस ‘पीएमओ’ को योग दिवस के लिए बने खास बैकड्रॉप से सजाया गया है। पोस्टर में सूर्य नमस्कार की मुद्राएं दर्शाई गई हैं इसके निकट ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का दफ्तर भी बनाया गया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री की मौजूदगी इस बात का सबूत है कि पार्टी के लिए यूपी चुनाव काफी अहम है। लोकसभा चुनाव में पार्टी को यूपी की 80 सीटों में से 73 पर जीत मिली थी। लिहाजा विधानसभा चुनाव को लेकर भी हौंसले बुलंद हैं और पार्टी को लग रहा है कि 14 साल के वनवास को दूर करने का यह सही मौका है। यूपी में बीजेपी को सबसे अधिक माथापच्ची मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर करनी पड़ेगी।
हालांकि राज्य में ढेरों स्वयंभू उम्मीदवार सामने आ गए हैं। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जिन नामों पर विचार होगा उनमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी, केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य प्रमुख हैं।