मेहरोत्रा ने किया क्वीनमेरी चिकित्सालय का औचक निरीक्षण
लखनऊ। प्रदेश के मातृ, शिशु एव परिवार कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रविदास मेहरोत्रा ने आज यहां जैसे ही क्वीनमेरी महिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया, उन्हें अस्पताल में भारी अनियमितताएं तथा चिकित्सकों की लापरवाही देखने को मिली। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि जननी सुरक्षा योजना की धनराशि लाभार्थियों को विगत सात महीनों से नहीं उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में प्रसव को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। राज्य सरकार ने इलाज से लेकर दवाईया तथा सभी प्रकार की जांचें मुफ्त कर दी हैंए फिरभी प्रतिवर्ष 20 लाख से अधिक प्रसव घरों में हो रहें हैं। यह साफ दर्शाता है कि चिकित्सक अपने उत्तरदायित्व के प्रति बिल्कुल गंभीर नहीं हैं। उन्होंने अस्पताल कीे खाली पड़ी भूमि पर 17 मंजिला इमारत का निर्माण कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि मरीजों के भोजन के लिए 100 रुपये अतिरिक्त रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दिए, ताकि मरीजों को गुणवत्तापरक और बेहतर भोजन मिल सके। श्री मेहरोत्रा ने आज यहां मध्याह्न 12ः30 बजे क्वीनेरी चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। अस्पताल में उनके प्रवेश करते ही मरीजों और तीमारदारों ने अपनी शिकायतों की झड़ी लगा दी। उन्होंने मरीजों और तीमारदारों को आश्वासन देकर शांत कराते हुए कहा कि इस अस्पताल में जो भी अव्यवस्थाएं हैं, उन्हें प्राथमिकता से दूर कराया जाएगा और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि ओ0पी0डी0 में लगा ए0सी0 लम्बे समय से खराब पड़ा है। डाक्टर आराम से चहल कदमी कर रहे हैं और मरीज तथा तीमारदार भीषण गर्मी से परेशान हैं। उन्होंने ए0सी0 को तत्काल ठीक कराने तथा लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है।
उन्होंने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि वर्ष 2012 से 100 बेड का एक वार्ड इसी परिसर में निर्माणाधीन है, किन्तु आज तक इसे पूर्ण नहीं कराया जा सका। उन्होंने कहा कि एक.एक बेड पर तीन.तीन मरीज भर्ती हैं किन्तु परिसर में निर्माणधीन वार्ड के निर्माण का कार्य अब तक पूर्ण नहीं कराया गया। उन्होंने निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाली कार्यदायी संस्था के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश अपर निदेशक को दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस अस्पताल का विस्तार किया जाना बहुत ही जरूरी हो गया है इसके लिए परिसर में खाली पड़ी जमीन पर 17 मंजिल के भवन का निर्माण किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए तत्काल कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
उन्होने कहा कि इस अस्पताल की अनेक अनिमितताएं और चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ की संवेदनहीनता की शिकायतें बराबर उनके संज्ञान में लाई जा रही थीं। कई तीमारदारों ने शिकायत की कि चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ तथा सफाई कर्मी बिना पैसे के कोई काम नहीं करते हैं। हरदोई निवासी कृष्ण मुरारी ने शिकायत की कि उनकी पत्नी के इलाज हेतु अस्पताल द्वारा उनसे 3000 रुपये की अवैध वसूली की गई है। लोगों ने कहा कि यदि मरीज के पास पैसा नहीं होता हैए तो यहां का स्टाफ उनके साथ बड़े ही र्दुव्यहार के साथ पेश आता हैं। उन्होंने पूरे अस्पताल परिसर के निरीक्षण के दौरान पाया कि जैसे इस अस्पताल में लम्बे समय से सफाई व्यवस्था ही नहीं सुनिश्चित की जा रही है। गर्भधात्री महिलाओं को प्रसव के उपरान्त सरकार द्वारा प्रदत्त की जा रही जननी सुरक्षा योजना की धनराशि उपलब्ध न कराकरए इसका बंदरबाट किया जा रहा है।
उन्होंने इस पर भी गहरी नारजगी जाहिर की कि कई.कई दिनों से बेड की चादर नहीं बदली गयी हैए इसे तत्काल सुव्यवस्थित किया जाए। उन्होंने अस्पताल में ड्यूटी चार्ट कई दिनों से अपडेट नहीं किये जाने पर भी अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने चिकित्सकों की इस संवेदनहीनता को मानवता विरोधी बताते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगी। बीमार रूबी तिवारी के परिजन ने शिकायत की कि वह 10 दिनों से पेट में ट्यूमर की गम्भीर बीमारी से ग्रस्त हैं। कई बार चिकित्सकों से उन्हें देखने के लिए कहा गया, किन्तु डाक्टरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। मरीज की हालत दिन प्रतिदिन खराब हो रही है। इस पर श्री मेहरोत्रा ने सख्त नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के लापरवाह स्टाफ और डाक्टरों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।