प्राथमिक विद्यालयोंमें अध्ययनरत् बालक-बालिकाओं के जन्म दिवस समारोह विद्यालयों में मनाये जाने के मुख्य सचिव ने दिये निर्देश


Alok-Ranjanलखनऊ:  उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों, उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अध्ययनरत् बालक-बालिकाओं का विद्यालयों में जन्म दिवस समारोह मनाये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि माह में पड़ने वाली जन्म तिथि के समस्त बालक-बालिकाओं का जन्म दिवस उसी माह के अन्तिम शनिवार को मध्यावकाश के बाद विद्यालय में ही मनाया जाये तथा अन्तिम शनिवार में अवकाश होने पर उसके पूर्व कार्यदिवस में यह आयोजन सम्पन्न कराया जाये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह में पड़ने वाली जन्म तिथि के बालक-बालिकाओं की कक्षावार व विद्यालयवार एक सूची तैयार कर ली जाये तथा माहवार पड़ने वाली जन्मतिथि के बालक-बालिकाओं के नाम चार्ट के माध्यम से प्रदर्शित करते हुये कक्षा में लगाये जायें।
उन्होंने कहा कि विद्यालय की बाहरी दीवार पर जन्म दिवस सम्बन्धी एक रंगीन पट्टिका पेंट करायी जाये, जिसमें जिस माह में जिन बालक-बालिकाओं का जन्म दिन हो, उस माह का नाम एवं बालक-बालिकाओं के नाम माह के प्रथम दिन ही अंकित कर दिये जायेें।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को परिपत्र निर्गत कर दिये हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि आयोजन कराने हेतु चन्दा आदि से धनराशि कतई न प्राप्त की जाये। उन्होंने कहा कि विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों-चार्ट पेपर, स्केच पेन आदि का प्रयोग कर बालक-बालिकाओं के माध्यम से जन्म दिवस सम्बन्धी बधाई कार्ड तैयार कराकर छात्र-छात्राओं को आपस में भेंट कराये जा सकते हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जन्म दिवस पर समस्त छात्र-छात्राओं के लिये मध्यान्ह् भोजन योजना अन्तर्गत विशेष मीनू के अनुसार भोजन की व्यवस्था अवश्य सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के जन्म दिवस कार्यक्रम समारोह में शिक्षक, विभागीय अधिकारी, ग्राम शिक्षा समिति एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य, अभिभावक और अन्य आमंत्रित गणमान्य व्यक्ति बालक-बालिकाओं को अपनी इच्छानुसार प्रोत्साहन भेंट देकर उन्हें उत्साहित कर सकते हैं, जिससे बच्चों में विद्यालय के प्रति अपनापन विकसित हो सके।
श्री रंजन ने कहा कि जिन छात्र-छात्राओं का जन्मदिवस उक्त माह में हो, उनकी विशेषताओं पर प्रकाश अवश्य डाला जाये। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर पर बालक-बालिकाओं द्वारा तैयार किये गये प्रोजेक्ट का प्रदर्शन कराने के साथ-साथ जन्मदिवस पर जनप्रतिनिधि, अधिकारी, गणमान्य नागरिकों, डाॅक्टर, इंजीनियर, सी0ए0 एवं अन्य प्रोफेशनल महानुभावों से बालक-बालिकाओं की भावी शैक्षिक एवं व्यावसायिक रणनीतियों पर प्रेरणादायक व्याख्यान अवश्य आयोजित कराये जायें। उन्होंने कहा कि विद्यालय में अध्ययनरत उक्त माह में सबसे अधिक उपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं को मंच पर बुलाकर उनके सम्मान में सार्वजनिक रूप से अन्य सभी बालक-बालिकाओं से तालियां भी बजवाकर प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने कहा कि जन्म दिवस पर विद्यालय के अन्दर सांस्कृतिक एवं खेलकूद कार्यक्रमों का आयोजन कराने के साथ-साथ अभिभावकों को जन्मदिवस वाले बच्चे के बारे में रोचक तथ्य प्रस्तुत करने हेतु अवश्य आमंत्रित किया जाये। उन्होंने कहा कि जन्म दिवस समारोह में कक्षा में उच्च उपलब्धि वाले बच्चों तथा उनके अभिभावकों को भी प्रोत्साहित किया जाये। उन्होंने कहा कि जिन बालक-बालिकाओं का जन्म दिन हो, उनके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जैसे-रुचियां, दक्षतायें इत्यादि एकत्रित कर सभी के साथ अध्यापकों द्वारा साझा किया जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि जन्म दिवस समारोह में मण्डल, जिला, तहसील, विकास खण्ड स्तर के अधिकारियों को सम्मिलित होकर बालक-बालिकाओं को प्रोत्साहित करने हेतु निर्देशित किया जाये। उन्होंने शिक्षा विभाग के मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), प्राचार्य, उप प्राचार्य, वरिष्ठ प्रवक्ता, प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, समस्त जिला समन्वयक, सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान एवं सह-समन्वयक, ब्लाक संसाधन केन्द्र को निर्देश दिये कि वे भी यथासंभव जन्म दिवस समारोह में प्रतिभाग करें। उन्होंने कहा कि जन्म दिवस में बालक-बालिकायें बधाई कार्ड व उपहार पाकर प्रफुल्लित होंगे और उनमें विद्यालय के प्रति आकर्षण में वृद्धि होगी। जन्म दिवस समारोह मनाने में जहां एक ओर बालक-बालिकाओं को अपनी जन्म तिथि का ज्ञान होगा, वहीं दूसरी ओर इस समारोह में बालक-बालिकायें अपने जन्म दिन मनाने के तौर-तरीके भी सीख सकेंगे और उनमें परस्पर एकता, सद्भाव और टीम भावना विकसित होगी। इस प्रकार के आयोजन का एक सकारात्मक पक्ष यह भी होगा कि आयोजन के दिन बालक-बालिकाओं की विद्यालय में उपस्थिति अधिकतम हो सकेगी।

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