लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने आज आरोप लगाया है कि सरकारी दफ्तरों में आग से जल रही फाइलें भ्रष्टाचार के सबूत नष्ट किये जाने की साजिश है। प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि मण्डी परिषद कार्यालय में लगी आग पहली घटना नही है। इसके पहले अक्टूबर 2015 बिल्डिंग मिड.डे मील लगी आग से जनरल सेक्शन तथा मीड.डे.मील की प्रबन्ध निदेशक का कक्ष जल गया था। शक्तिभवन के द्वितीय तल पर एकाउन्ट सेक्शन में 2015 के अक्टूबर माह में लगी आग में महत्वपूर्ण दस्तावेज जल गये थे। स्वास्थ भवन में आग लगने से महत्वपूर्ण फाइलें जली। एस0टी0एफ0 नें जांच की। एसटी0एफ0 जांच में जिन पर संकेत किया गया उनकी आज तक गिरफ्तारी नही हो सकी और अब मंण्डी परिषद में आग लगी जिसके अध्यक्ष स्वय मुख्यमंत्री है। तथा जो प्रतिवर्ष फायर मेंन्टीनेन्स पर 9 लाख खर्च करती है। उस कार्यालय में लगी आग में महत्वपूर्ण फाइले जलने की बात सामने आई है।
उन्होंने कहा कि गम्भीर बात यह है कि निर्माण योजना स्ववीकृति तथा वित्त दोनो अनुभाग की फाइलें जल गई है जिसमें पिछले 5 वर्षाे में हजारों करोडों के कार्याे का रिकार्ड है। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि मण्डी परिषद में हो रहे घोटालों का पर्दाफास कैसे होगा यह बडा सवाल है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड पैकेज में विशिष्ट मंडियों के निर्माणए कृषि विपणन का भंडारण की सुविधा तथा 133 ग्रामीणों अवस्थापना केन्द्रो ग्रमीणो अवस्थापना केन्द्रो में लिए दिखाए गए 691 करोडो के कार्याे जिनकी गुणवत्ता पर केन्द्र सरकार ने सवाल खडे किए थे उनके जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध जांच और जिम्मेदारी कैसे निर्धारित होगी।
उन्होंने कहा कि 41 करोड से अधिक अस्थाई आग्रिम समायोजित व किए जाने जैसे महत्वपर्ण आरोपों की फाइलेए आढतियों से सम्बधित फाइलें तथा न्यायालयी अपीलों से सम्बधित महत्वपूर्ण दस्तवेज का जल जाना अत्यन्त गम्भीर मामला है। प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कतई गम्भीर नही है। उसका परिणाम है पिछले 2.3 वर्षा में सरकारी दफ्तरों में आग से महत्वपूर्ण दास्तावेज जलने की यह चैथी.पांचवी घटना है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मामलों में एफआईआर न दर्ज होने के कारण सभी जांच विभागीय स्तर पर ही रफा.दफा कर दी जाती है। उन्होने प्रदेश मुख्यमंत्री से मांग कि यदि विभिन्न सरकारी दफ्तरों में लग रही भ्रष्टाचार की आग को रोकने के लिएए जांच रिपोर्टाे को सार्वजनिक करे तथा मामले की जांच किसी न्यायाधीश से कराने के आदेश दे ताकि भ्रष्टाचार के आरोप से सम्बधित महत्वपूर्ण दस्तावेज आग के हवाले करने वालों का पर्दाफास हो सके।