नई दिल्ली। देश में कॉल ड्राप की समस्या में कोई कमी नहीं आने के बीच दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि वह मोबाइल कॉल की गुणवत्ता की निगरानी के लिए शीर्ष अधिकारियों के साथ स्वयं राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में जाएंगे।
मंत्री ने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल अपने ग्राहक का आधार बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करेगी और उसके शीर्ष अधिकारियों से दफ्तर से बाहर निकलकर जमीनी स्तर पर काम करने को कहा। वह बीएसएनएल के लिए स्वयं बैठने और सिम कार्ड बेचने के लिए तैयार हैं।
प्रसाद ने बीएसएनएल के एक कार्यक्रम में कहा कि मैं, जे एस दीपक और अनुपम श्रीवास्तव कॉल ड्राप की निगरानी के लिए दिल्ली में जगह-जगह जाएंगे। इस कार्यक्रम में उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी की आधुनिक टेलीफोन सेवा शुरू की।
इससे पहले, प्रसाद ने बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव के साथ मिलकर इंदौर में परीक्षण किया था।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कॉल ड्राप की समस्या पर काबू पाने के इरादे से दिसंबर-जनवरी अवधि में कॉल ड्राप का परीक्षण किया था और पाया कि सार्वजनिक क्षेत्र की एमटीएनएल समेत अधिकतर दूरसंचार कंपनियों के नेटवर्क तथा सेवा गुणवत्ता मानकों से नीचे है।
ट्राई की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई, पुणे, तथा भुवनेश्वर में किसी भी दूरसंचार कंपनियों ने कॉल ड्राप के मामले में सुधार नहीं दिखाया।
इंदौर में ट्राई ने पाया कि एयरटेरल, वोडाफोन, आरकॉम सीडीएमए तथा टाटा सीडीएमए के 2जी नेटवर्क कॉल ड्राप मानकों का पालन कर रहे हैं। अन्य कंपनियां इसमें विफल रहीं।
साथ ही ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को प्रत्येक कॉल ड्राप के लिए एक रुपए का हर्जाना देने का निर्देश दिया। इसमें एक दिन में अधिकतम हर्जाना तीन रुपए नियत है।
प्रसाद ने बीएसएनएल के लिए 2016-17 में एक करोड़ ग्राहक आधार प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि बीएसएनएल अपने ग्राहकों का आधार 2016-17 में एक करोड़ पहुंचाए और वह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के लिये सिम भी बेचने को तैयार हैं।
प्रसाद ने कहा कि मुझसे कहा गया है कि बीएसएनएल के ग्राहकों की संख्या 70 लाख है। मैं चाहूंगा कि बीएसएनएल के ग्राहकों की संख्या 2016-17 में बढ़कर एक करोड़ हो जाए। मैं बीएसएनएल के लिए सिम कार्ड बेचने के लिये भी तैयार हूं।
दूरसंचार सचिव जे एस दीपक ने कहा कि बीएसएनएल अपनी नेटवर्क क्षमता का केवल 70 प्रतिशत उपयोग कर रहा है जबकि निजी क्षेत्र की कंपनियां 90 प्रतिशत का उपयोग कर रही हैं।