लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में बाढ़ नियंत्रण, बचाव व राहत कार्य प्रभावी ढंग से चलाकर जनजीवन को सुरक्षित करना प्रदेश सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी, मुख्य अभियन्ता, सिंचाई के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लें और मौके रूक कर राहत और बचाव कार्य संचालित करायें। उन्होंने निर्देश दिये कि नदियों की सफाई कराकर उन्हें गहरी बनाया जाये, ताकि बाढ़ और सूखा समस्या का है स्थाई समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि वर्षा के समय अतिरिक्त पानी संचित करने से जहाॅं एक तरफ बाढ़ की विभीशिका से बचाव होगा वहीं संचित पानी जरूरत के समय सिंचाई के काम आयेगा।
लोक निर्माण मंत्री आज योजना भवन में आयोजित बाढ़ नियंत्रण बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि बाढ़ और सूखा नियंत्रण की कार्ययोजना मार्च-अप्रैल में बनाकर समय से क्रियान्वयन कराया जाये, ताकि समस्याओं से समय रहते निपटा जा सके। उन्होंने बताया कि इटावा और मैनपुरी में सेंगर, सिरसा आदि नदियों को गहरा करके बाढ़ की समस्या से छुटकारा मिला है। इसी तरह डेªजर मशीन अन्य नदियों की भी सिल्ट निकालकर उन्हें गहरा किया जाये। उन्होंने कहा कि ड्रेन व नहरों के स्क्रैप साफ कराकर अतिरिक्त पानी का डायवर्जन किया जाये।
श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में सी0एस0सी0, पी0एस0सी0 पर पर्याप्त चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित करायी जाये। इसी तरह पशु चिकित्सालयों मंे गला घोंट व खुरपका मुंहपका आदि बीमारियों के बचाव की कारगर उपाय के साथ-साथ व्यापक टीकाकरण एवं दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि विधुत विभाग के कोल स्थाई बनवाये जायें तथा ऐसी व्यवस्था की जाये कोई भी तार टूट कर न लटके जिससे की बाढ़ के दौरान करन्ट फैलने की सम्भावना न रहे।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि उ0प्र0 सरकार ने अपने दम पर पिछले चार सालों में बाढ़ राहत और बचाव का कार्य किया है। केन्द्र सरकार द्वारा बकाया 122 करोड़ रुपये नहीं उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील व अतिसंवेदनशील बांधो का नियमित रूप से निरीक्षण कराया जाये तथा बाढ़ चैकियों की भी निगरानी की जाये।
मुख्य सचिव श्री दीपक सिंघल ने निर्देश दिये हैं कि संभावित बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिला अधिकारी एवं उनके निर्देशन में सम्बन्धित अधिकारी हरदम अलर्ट रहें। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण राहत एवं बचाव कार्य में लापरवाही बरतनें वाले अधिकारियों के विरूद्व कठोरतम कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस लाइन के अलावा अन्य सुरक्षित स्थानों पर हेलीपेड तैयार करायें जाये, जिससे की हवाई आपरेशन के दौरान उनका प्रयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि बस्ती, बाराबंकी के जिलाधिकारियों की तर्ज पर अन्य जनपदों के जिलाधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सघन निरीक्षण किया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि बाढ़ चैकियों पर काॅल सेण्टर की स्थापना की जाये।
श्री सिंघल ने कहा कि मीडिया से निरन्तर सम्पर्क हेतु जिलाधिकारी एक नोडल अफसर की तैनाती करें, जो सूचना विभाग के सहयोग से प्रिंट एवं इलेक्ट्राॅनिक, डिजिटल और सोशल मीडिया के माध्यम से नियमित अद्यतन जानकारी आमजन को उपलब्ध करायें।
समीक्षा के दौरान पुलिस महानिदेशक श्री जावीद अहमद, प्रमुख सचिव गृह श्री देवाशीष पण्डा, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार, निदेशक पशुपालन ने भी अपने विचार व्यक्त किये।