गाज़ियाबाद | गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण ने एक अहम् फैसला लेते हुए मधुबन बापूधाम आवास योजना के अंतर्गत किसी भी विधायक को ब्याज में छूट देने से इनकार कर दिया| प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि अगर शासन यह छूट दे देता है तो प्राधिकरण को लगभग 100 करोड़ रुपयों का घाटा होगा|
अनियमितताएं रोकने वाली समिति ने ही की थी सिफारिश
बड़े ही आश्चर्य की बात है कि प्रदेश सरकार ने विधायकों की जिस कमेटी का गठन विकास प्राधिकरणों, नगर निगमों और जिला पंचायतों में हो रही अनियमितताओं को रोकने के लिए किया था, उसी कमेटी ने विधायकों का ब्याज माफ़ करने की अनुशंसा की थी|
बता दें कि मधुबन बापूधाम कि गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित मधुबन बापूधाम आवास योजना में 100 से भी अधिक से विधायकों ने आवेदन किया था| इनमें से कई विधायकों ने समय पर अपनी किस्तें नहीं जमा की थी| प्राधिकरण ने विधायकों को नियमानुसार ब्याज सहित किस्तें भरने के लिए पत्र लिखा था| विधायक ब्याज माफ़ी के लिए विधायकों की ही बनी एक कमेटी में गए जिसने ब्याज माफ़ी की अनुशंसा कर डाली| प्राधिकरण के अधिकारीयों ने अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए कमेटी की अनुशंसा को मानने से इनकार कर दिया और अब मामला प्रदेश शासन के पाले में अटका हुआ है|