नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में सबके लिए आवास योजना के तहत अगले 3 सालों में 81 हजार 975 करोड़ रुपए की लागत से 1 करोड़ पक्के मकान बनाने का निर्णय किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के ग्रामीण इलाकों में सबको सस्ते मकान उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना को लागू करने की मंजूरी दी गई। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि 2014 में राष्ट्रपति के अभिभाषण में स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर 2022 तक सबको पक्का मकान उपलब्ध कराने की बात कही थी और 2015-16 के बजट में भी 2022 तक सबको घर देने का जिक्र किया गया था उसे अब पूर्ण रूप देने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में 2.95 करोड़ मकानों के निर्माण की जरूरत है। मकानों की इस संख्या में 10 प्रतिशत का बदलाव हो सकता है। सरकार मैदानी क्षेत्र में प्रति मकान के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए तथा पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों में 1 लाख 30 हजार रुपए की मदद देगी। अगले 7 वर्ष तक मकानों के निर्माण का क्रम चलेगा।
उन्होंने बताया कि लाभार्थियों की पहचान सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के आधार पर की जाएगी और बेघर लोगों को मकान दिया जाएगा या फिर उन्हें दिया जाएगा जिनके पास रहने लायक घर उपलब्ध नहीं है। लाभार्थियों की सूची ग्रामसभा द्वारा बनाई जाएगी और उनके चयन में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। यह योजना दिल्ली तथा चंडीगढ़ छोड़कर शेष सभी ग्रामीण इलाकों में लागू होगी।