मंत्री श्री कलराज मिश्र ने एमएसएमई – प्रौद्योगिकी केन्द्रों के निर्माण में तेजी लाने का आदेश दिया


 

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दिल्ली  |  केंद्रीय एमएसएमई मंत्री श्री कलराज मिश्र ने एमएसएमई विकास संगठन के कामकाज की समीक्षा करने के दौरान सभी प्रौद्योगिकी केंद्रों के निर्माण में तेजी लाने का आदेश दिया है। उन्‍हें यह आश्‍वासन दिया गया कि कम-से-कम 10 प्रौद्योगिकी केंद्रों पर काम वर्ष के दौरान ही शुरू हो जाएगा। उन्‍होंने यह इच्‍छा जाहिर की कि सभी प्रौद्योगिकी केंद्रों का निर्माण कार्य वर्ष 2017 तक हर लिहाज से पूरा हो जाना चाहिए और दो प्रौद्योगिकी केंद्रों का उन्‍नयन तो इसी वर्ष हो जाना चाहिए। मंत्री महोदय ने यह भी आदेश दिया कि वर्तमान प्रौद्योगिकी केन्द्रों को अपने स्थानों पर अवस्थित उद्योगों की जरूरतों को पूरा करना चाहिए और अपने क्षेत्र में स्थित उद्योगों के लिए क्लस्टर विकास केंद्रों के रूप में भी काम करना चाहिए।

वर्ष 2015-16 के दौरान 1.79 लाख युवाओं को टूल रूम में प्रशिक्षित किया गया और ईडीपी के तहत 8,000 से भी ज्‍यादा प्रशिक्षु लाभान्वित हुए। मंत्री महोदय ने यह भी इच्‍छा जाहिर की कि प्रौद्योगिकी केन्‍द्र में हर प्रशिक्षु की आधार तिथि को रिकॉर्ड में रखा जाना चाहिए और शुल्‍क का भुगतान इलेक्‍ट्रॉनिक ढंग से किया जाना चाहिए।

श्री मिश्र ने इस बात पर संतुष्टि व्‍यक्‍त की कि 14,000 करोड़ रुपए से भी ज्‍यादा राशि की वाणिज्यिक वस्‍तुएं एमएसएमई (सूक्ष्‍म, लघु एवं मझौले उद्यम) से खरीदी गईं। वर्ष 2015-16 के दौरान आयोजित 799 ईडीपी से ही यह आंशिक तौर पर संभव हो पाया।


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