एनजीओ का खेल कोई पास कोई फेल, महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग के कुछ सफेदपोश अफसरों में हड़कम्प


yy76y6ty66666_m
कई महिला और बाल गृह कागजों पर चल रहे  जिनको ब्लैकलिस्ट किया गया

लखनऊ । सरकार ने सामजिक संस्थाओं के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने सहित कई सोशल कामों में सामाजिक संगठनों की भागीदारी बढ़ाने के लिए फण्ड देकर उनकी सहभागिता बढ़ाई गई। लेकिन जब भी सरकार के स्तर पर एनजीओं की जाॅच की गई तो काफी एनजीओं पास हुए तो उनसे अधिक फेल हुए।ज्ञात हो महिलाओं और बच्चों के सुधार गृह की दशा-दिशा जानने व सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने एक सोशल ऑडिट करवाया है। देश में जहां पहली बार अखिलेश यादव सरकार ने यह सोशल ऑडिट करवाने की पहल शुरू की है वहीं इनमें होने वाली गड़बडियों पर अंकुश भी लगाया है। सोशल ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने दस एनजीओ को ब्लैकलिस्ट करने के साथ ही एफआईआर दर्ज करवाई है। शासन के सख्त रवैए से एनजीओ और महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग के कुछ सफेदपोश अफसरों में हड़कम्प मचा हुआ है।

महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग ने सरकार के निर्देश पर पहली बार बाल गृह, महिला आश्रय गृह और स्वाधार गृहों का सोशल ऑडिट कराने का फैसला किया गया था। यह सोशल ऑडिट देश में पहली बार उत्तर प्रदेश राज्य में शुरू हुआ है। सोशल ऑडिट कराने के पीछे यह मंशा थी कि क्या सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाएं महिलाओं और बच्चों तक पहुंच रही हैं। यह सोशल ऑडिट प्रदेश के शासकीय और गैर शासकीय 34 बाल गृह, 55 राजकीय महिला आश्रम गृहों में हुआ। इस ऑडिट के तहत नम्बर स्कोर के जरिए शासकीय और गैर शासकीय बाल व महिला आश्रम गृहों को बेहतर और खराब प्रदर्शन का निर्धारण किया गया। विभाग के कुछ अफसरों की मिलीभगत के चलते कई महिला और बाल गृह कागजों पर चल रहे थे। जिनको ब्लैकलिस्ट किया गया है।

महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने बताया कि बलिया का बाल गृह देवराज ग्रामीण ग्रामोद्योग सेवा संस्थान, रायबरेली का गांधी सेवा संस्थान, रायबरेली का गांधी सेवा निकेतन,लखीमपुर खीरी का माँ काली सेवा संस्थान, सोनभद्र और प्रतापगढ़ का पंडित स्वर्गीय गिरजा प्रसाद सामाजिक सेवा एवं शिक्षा संस्थान, कांशीराम नगर की समाज सेवा समिति, सीतापुर की उमा महिला उत्थान समिति, सुल्तानपुर की अवध ग्रामीण संस्थान, मिर्जापुर की इंडियन हेल्थ आर्गेनाइजेशन वेलफेयर सोसाइटी, देवरिया की मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवम समाज सेवा संस्थान, सोनभद्र की पूर्वांचल ग्रामीण उत्थान विकास सेवा समिति, सहारनपुर की राजसी डेवलेपमेंट एंड रिचर्स, सिद्घार्थ नगर की श्रीमती प्रभावती देवी बालिका विद्यालय समिति, गाजीपुर की स्वर्गीय शिवपूजन पाठक उच्च माध्यमिक विद्यालय शिक्षा समिति, कानपुर देहात की शांती देवी मेमोरियल ग्राम विकास शिक्षा संस्थान, बदांयू की दलित ग्रामीण विकास समिति, वाराणसी की कृष्णा सीश गृह वैष्णव सेवा समिति, लक्ष्मी शिशु गृह महिला उत्थान समिति, मिर्जापुर की महादेव शिशु गृह वैष्णव सेवा समिति, कानपुर नगर की शिशु शांति देवी मेमोरियल ग्राम विकास शिक्षा समिति, मिशनरी ऑफ चैरिटी, लखनऊ की लीलावती मुंशी बाल गृह और वरदान शिशु गृह, लखीमपुर खीरी की मां काली सेवा संस्थान, फैजाबाद की पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मारक महिला एवं बाल कल्याण समित, चंदौली की गौतम बुद्घ सेवा समिति, गोंडा की चाइल्ड प्रोटेक्शन होम, गोरखपुर की सरस्वती सेवा संस्थान और एशियन सहयोगी संस्थान, चंदौली की साथी, आगरा की आश्रय स्वयं श्रद्घा और पंचशील सोशल वेलफेयर सोसाइटी, बरेली की दीपजन कल्याण समिति, गौतम बुद्घ नगर की सेंटर फार अल्टरनेटिव दलित मीडिया, कानपुर नगर की साथी व सार्वजनिक शिक्षोन्नयन संस्थान, युवा ग्राम विकास समिति, इलाहाबाद की ग्रामोत्थान जन सेवा समिति व मानव कल्याण सेवा समिति, वाराणसी की डा. शंभूनाथ सिंह शुद्घ संस्थान व कृषक महिला गृह शिल्प, चित्रकूट की सेंटर फार अल्टरनेटिव दलित मीडिया, लखनऊ की सामाजिक एवम आर्थिक सेवा समिति व समाज सेवा संस्थान, लखीमपुर खीरी की मां काली सेवा संस्थान, गाजियाबाद की भारतपुरिया शिक्षा समिति, गोरखपुर की पूर्वांचल ग्रामीण सेवा संस्थान, बदांयू की सेंटर फार अल्टरनेटिव दलित मीडिया, अलीगढ़ की सभीयोन नवजीवन, आगरा की सेंटर फार अल्टरनेटिव दलित मीडिया और फिरोजाबाद की श्रीमती रेशमा देवी शिक्षा समिति का सोशल ऑडिट किया गया था। उन्होंने बताया कि इनमें से 10 का काम काफी सराहनीय रहा है। कुछ में सुधार की गुंजाइश को देखते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जबकि 10 एनजीओ सोशल ऑडिट में फेल हुई। फेल हुई संस्थाओं में वाराणसी की लक्ष्मी शिशु गृह महिला उत्थान, लखनऊ की सामाजिक एवं आर्थिक सेवा संस्थान तथा बदांयू, आगरा, चित्रकूट गौतमबुद्घ नगर की सेंटर फार अल्टरनेटिव दलित मीडिया हैं। जबकि सोनभद्र, प्रतापगढ़ की पंडित स्वर्गीय गिरजा प्रसाद सामाजिक सेवा एवम शिक्षा संस्थान और मिर्जापुर की इंडियन हेल्थ वेलफेयर सोसाइटी को ब्लैकलिस्ट किया गया है।

सूत्रों की मानी जाए तो उत्तर प्रदेश में ऐसी कई एनजीओं है जिनकों केन्द्र से बहुत बेहतर धनराशि मिल रही है लेकिन उनका काम जमीन पर कई नही बल्कि कागजी आकड़ें और सीट के नीचे से मिलने वाली दक्षिणा के चलते उनका धंधा चालू है। अगर केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश के एनजीओं की जाॅच कराये तो 70 प्रतिशत एनजीओं फेल होगें।


Scroll To Top
Translate »