ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में नियमों को ताक पर रख ,रखे गये 49 कर्मचारियों की सेवा समाप्त


ग्रेनो प्राधिकरण ने भर्ती कराने वाली दो एजेंसियों पर भी लगाया प्रतिबंध , प्राधिकरण में तैनात कर्मचारियों के रिश्तेदारों को दी गईं थी नौकरियां



ग्रेटर नोएडा। ग्रेनो प्राधिकरण में नियमों को ताक पर रखकर रखे गए 49 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इनमें कई अधिकारियों और कर्मचारियों के रिश्तेदार भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत के बाद गठित की गई तीन सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट के बाद सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। जिन दो एजेंसियों ने इन कर्मचारियों को नियुक्त किया था। उन्हें भी प्रतिबंधित (डिबार) कर दिया गया है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कर्मचारियों की कमी को दूर करने और तेजी से कार्य कराने के लिए नोएडा की राधाकृष्ण सर्विस प्रोवाइडर और माधव एसोसिएट्स के माध्यम से पिछले साल मैनेजर से लेकर चपरासी तक की नियुक्तियां की गईं थीं। कर्मचारियों की नियुक्तियों में अनियमितता और धांधली के आरोप लग रहे थे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एसीईओ प्रेरणा शर्मा को नियुक्तियों की जांच सौंपी थी। मामले में कमेटी गठित कर जांच की गई। जांच में नियुक्तियों में अनियमितता के आरोप सही पाए गए। जांच में साफ हुआ कि कई अपात्रों को भी नियुक्तियां दे दी गईं थीं। ग्रेनो प्राधिकरण ने जांच के रिपोर्ट के आधार पर 49 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी है।
इन कर्मचारियों पर गिरी गाज
ग्रेनो प्राधिकरण के ओएसडी कार्मिक रवींद्र सिंह यादव की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक, माधव एसोसिएट्स की ओर से नियुक्त किए गए रिचा सिंह, पूनम, मनोज गौतम, सुमित, विशाल चौधरी, गौरव नाथ दुबे, गौरव कुमार, ध्रुव शर्मा, वरुण शर्मा, रोहित सिंह, विवेक सिंह, लविश शर्मा, मोहसिन खान, अभिजीत सिंह राठी, सोनू कुमार पाठक, मोहित चौधरी, विक्रांत सिरोही, तरुण नागर, विपिन कुमार को हटाया गया है। वहीं, राधाकृष्ण सर्विस प्रोवाइडर के कर्मचारी कुलदीप सिंह, अमित भाटी, सौरभ मिश्रा, लवांश भाटी, निखिल बंसल, पंकज कुमार रंजन, मुसरलीन खान, रितिक, अमित कुमार भाटी समेत अन्य की सेवा समाप्त कर दी गई है।
तीन लोगों ने की थी शिकायत
नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायत बादलपुर गांव निवासी राजेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी। वहीं मेरठ निवासी नीलकमल ने प्रधानमंत्री कार्यालय और नौकरी के लिए आवेदन करने वाले युवक आकाश त्यागी ने भी मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। राजेंद्र सिंह का आरोप था कि ग्रेनो प्राधिकरण में 70 लोगों की नियुक्ति मनमाने तरीके से गई है। कुछ भर्ती प्लेसमेंट और कुछ भर्ती संविदा के आधार पर की गईं थी। आरोप लगाया गया था कि चपरासी से लेकर मैनेजर तक प्राधिकरण में तैनात कर्मचारी व अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों यहां नियुक्ति दिला दी है। एक परिवार के कई लोग भी इनमें नियुक्त करने का आरोप था। आरोपियों ने अपने लोगों की नौकरी बचाने का भी भरसक प्रयास किया लेकिन वे नाकाम रहे।


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