आपदा ग्र्रस्त बुन्देलखण्ड की राहत को लेकर सियासत बंद करे अखिलेश सरकार – केशव प्रसाद मौर्य


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लखनऊ |भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बुन्देलखण्ड के लोगो की प्यास बुझनी चाहिए। आपदाग्रस्त बुन्देलखण्ड में राहत को लेकर सियासत बंद कर राहत के उपाय किये जाने चाहिए। अखिलेश सरकार राजनीति से ऊपर उठकर मानवीय संवेदना और बुन्देलखण्ड की जनता को प्राथमिकता देते जरूरतमंद लोगों तक राहत वितरण कराये।
श्री मौर्य ने पानी को लेकर आयी ट्रेन पर समाजवादी पार्टी सरकार के मंत्री शिवपाल यादव के कथन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पानी कहां संरक्षित होगा इसकी व्यवस्था बनाई जाने के बजाय सरकार के मंत्री ढेरों सवाल खड़े कर रहे है। सत्ता में जारी अनिर्णय का आलम ये है कि चित्रकूट धाम के आयुक्त कहते है कि टेंकरों से कीरत सागर भरवाने का काम किया जाये ताकि इंसानों के साथ पशु-पक्षियों की प्यास बुझ सके। वहीं महोबा के जिलाधिकारी का अपना अलग बयान है।
उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में पानी के लिए हजारों करोड़ रूपये खर्च हुए किन्तु पानी की समस्या जस की तस है। पुराने कुओं की जीर्णोंद्धार के लिए 300 करोड़ रूपये तथा नये के लिए 200 करोड़ रूपये खर्च किये गये किन्तु कितने कुओं के जीर्णोंद्धार हुए ये तो सरकार ही जाने। हालात ये है चित्रकूट, महोबा के गांव में टेंकरों से पानी की सप्लाई के दावे हो रहे है इसके बावजूद जल संकट जारी है बांदा मुख्यालय बंूद-बंूद पानी को तरस रहा है। बुन्देलखण्ड में पेयजल योजनाएं बदहाली की स्थिति में है।
श्री मौर्य ने कहा कि सूखा किसानों को मदद पहुचाने की सरकारी दावो की पोल खुल गयी है। जारी 867 करोड़ में से अब तक महज 52 करोड़ ही बंटे यानि राहत का 5 प्रतिशत पैसा भी जरूरत मंदो तक नहीं पहुंच पाया। ये स्थिति तब जब राज्य के मुख्य सचिव खुद बुन्देलखण्ड का दौरा कर आये है। मुख्यमंत्री दो बार बुन्देलखण्ड के दौरे पर अभी हाल में हो आये राहत सामग्री के नाम पर समाजवादी रैपर में राहत राशि वितरण के खोखले दांवे किये जा रहे है। किन्तु हकीकत है कि बुन्देलखण्ड में भूख से किसान की मौत हो गयी।
भाजपा अध्यक्ष ने सियासी आरोप-प्रत्यारोप के और भी बहुत से विषय हो सकते है कम से कम आपदाग्रस्त बुन्देलखण्ड के उन नागरिकों को तो सरकार देखें जो राहत की बांट जोह रहे रहे है। मदद पहुंचाने के दावो के बीच मदद नहीं पहुच रही है और इस बात का खुलासा समीक्षा बैठक में हो रहा है तो अखिलेश सरकार शर्म करे अपने उस तंत्र पर कि सारे दांवों के बावजूद हकीकत है कि केवल 5 फीसदी तक ही राहत पहुंच पायी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज बुन्देलखण्ड की जनता प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता को लेकर जो सवाल खड़ी कर रही है उसका जबाव सरकार के मुखिया अखिलेश यादव को देना ही होगा।

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